Haryana agriculture News : हरियाणा के इस गांव में खुलेगा कृषि विज्ञान केंद्र, सरकार ने लिया फैसला
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कृषि विश्वविद्यालय हिसार लगातार खेती के उत्पादन को बढाने के लिए कदम उठा रहा है। इसी बीच में कृषि विश्वविद्यालय हिसार ने नया कृषि केंद्र खोलने का निर्णय लिया है।
हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि प्रदेश सरकार ने नूंह के छपेड़ा गांव में कृषि विश्वविद्यालय हिसार का नया कृषि विज्ञान केंद्र खोलने का निर्णय लिया है। कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने तीन साल में 44 नई किस्मों का विकास व पहचान की है तथा गेहूं व सरसों की दो नई किस्में विकसित की है।
जिससे कम सिंचाई में अधिक उपज प्राप्त होगी। कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक मिलेट्स एवं जैव अपघटन पर बेहतर कार्य करें। साथ ही, अर्बन फार्मिंग तथा इन्क्यूबेशन सेंटर पर भी अध्ययन करें ताकि किसानों को इनका अधिक लाभ मिल सके। विश्वविद्यालय प्रबंधन बोर्ड की 275वीं बैठक में उन्होंने यह बात कही।
सरसों की आरएच-1424 व 1706 व गेहूं की डब्ल्यूएच- 1402 विकसित
चौ. चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के तिलहन वैज्ञानिकों ने हाल ही में सरसों की दो नई किस्में आरएच-1424 और आरएच-1706 विकसित की हैं। इसके अतिरिक्त, गेहूं की एक नई किस्म डब्ल्यूएच-1402 भी विकसित की गई है, जो दो सिंचाई और मध्यम उर्वरकों में अधिक उपज देती है।
सरसों की आरएच-1975 किस्म यहां रहेगी कारगर
मुख्य सचिव ने बताया कि ये किस्में उच्च उपज देने वाली और तेल सामग्री से भरपूर होंगी। ये किस्में देश के सरसों उत्पादक राज्यों में तिलहन उत्पादकता बढ़ाने में भी सहायक होंगी। इसके अलावा, वैज्ञानिकों ने हरियाणा सहित पंजाब, दिल्ली, जम्मू और
उत्तरी राजस्थान के सिंचित क्षेत्रों में समय पर बुआई के लिए सरसों की एक और उन्नत किस्म आरएच-1975 भी विकसित की है।
गेहूं की डब्ल्यूएच-1402 यहां होगी कारगर
मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि विश्वविद्यालय ने गेहूं की एक नई किस्म डब्ल्यूएच-1402 विकसित की है, जो दो सिंचाई और मध्यम उर्वरक में अधिक उपज देती है। इस किस्म की पहचान भारत के उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों के लिए की गई है, जिसमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू और कश्मीर शामिल हैं। इस किस्म की औसत उपज 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और अधिकतम उपज मात्र दो सिंचाई में 68 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो सकती है। इस 1402 किस्म को राष्ट्रीय स्तर पर रेतीले, कम उपजाऊ तथा कम सिंचाई वाले क्षेत्रों के लिए विकसित किया गया है।
अर्बन फार्मिंग व इन्क्यूबेशन सेंटर पर करें अध्ययन
मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक मिलेट्स एवं जैव अपघटन पर बेहतर कार्य करें। साथ ही, अर्बन फार्मिंग तथा इन्क्यूबेशन सेंटर पर भी अध्ययन करें ताकि किसानों को इनका अधिक लाभ मिल सके। उन्होंने कहाकि मिलेट्स नागरिकों के लिए बहुत ही फायदेमंद है। इसमें आयरन, प्रोटीन एवं फाइबर अधिक मात्रा में होता है। इसलिए मिलेट्स न्यूट्रीशन क्वालिटी डिलिसियस होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नूंह जिले के गांव छपेड़ा गांव में कृषि विश्वविद्यालय का एक नया कृषि विज्ञान केंद्र खोला जाएगा। इस केन्द्र के खुलने से इस क्षेत्र के विश्वविद्यालय के कृषि विशेषज्ञों से मार्गदर्शन मिल सकेगा।
सर्वश्रेष्ठ अनुसंधान केंद्र का मिला सम्मान
विश्वविद्यालय के वी.सी. बी. आर. कम्बोज ने कहा कि विश्वविद्यालय के बाजरा अनुभाग को बाजरा फसल में उत्कृष्ट अनुसंधान कार्य के लिए वर्ष 2022-23 के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ अनुसंधान केंद्र से भी सम्मानित किया गया है। इसके अलावा सरसों अनुसंधान और विकास में उत्कृष्ट योगदान के लिए विश्वविद्यालय को सर्वश्रेष्ठ केंद्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। विश्वविद्यालय के बाजरा अनुभाग को लगातार दूसरी बार इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।