Expressway News: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक ऐतिहासिक घोषणा करते हुए कहा कि सरकार कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक एक्सप्रेसवे बनाएगी। यह एक्सप्रेसवे न केवल भारत के परिवहन नेटवर्क को एक नई दिशा देगा, बल्कि इसका प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था और लॉजिस्टिक्स पर भी गहरा पड़ेगा। इस परियोजना के माध्यम से माल ढुलाई में खर्च की लागत कम होगी और ईंधन की खपत में भी कमी आएगी।
कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक नया एक्सप्रेसवे
नितिन गडकरी ने बताया कि इस एक्सप्रेसवे का निर्माण भारतीय परिवहन नेटवर्क को नया रूप देने के साथ-साथ यात्रा समय में भी कमी लाएगा। इस परियोजना के तहत प्रमुख शहरों और आर्थिक केंद्रों को जोड़ने वाले नए मार्ग तैयार किए जाएंगे। इससे न केवल यात्रा आसान होगी, बल्कि माल की ढुलाई में होने वाले खर्चे में भी कमी आएगी, जो भारत की लॉजिस्टिक्स दक्षता को बेहतर बनाएगा।
इन बड़ी परियोजनाओं की जल्द मिलेगी सौगात
गडकरी ने इस दौरान अन्य एक्सप्रेसवे परियोजनाओं का भी जिक्र किया, जिन पर काम चल रहा है। मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेसवे परियोजना भारत के सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण मार्गों में से एक है। इससे दोनों प्रमुख शहरों के बीच यात्रा समय में कमी आएगी। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे दिल्ली से देहरादून की दूरी को कम करने वाली यह परियोजना उत्तर भारत में परिवहन की गति को तेज करेगी। कश्मीर-कोंकण एक्सप्रेसवे परियोजना पश्चिमी भारत को कश्मीर से जोड़ने का काम करेगी, जिससे सैलानियों और व्यापारियों के लिए रास्ता और भी आसान हो जाएगा।
लॉजिस्टिक्स लागत में कमी
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इन एक्सप्रेसवे परियोजनाओं का एक बड़ा उद्देश्य लॉजिस्टिक्स लागत को कम करना है। वर्तमान में भारत में लॉजिस्टिक्स लागत 14-16 प्रतिशत के बीच है, जिसे 2025 तक घटाकर 9 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इन एक्सप्रेसवे परियोजनाओं का बड़ा योगदान होगा, क्योंकि इन्हें तेज और सुरक्षित मार्गों के रूप में तैयार किया जा रहा है।
39 एक्सप्रेसवे परियोजनाओं पर काम
केंद्रीय मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि वर्तमान में 39 एक्सप्रेसवे परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इन परियोजनाओं की कुल लागत 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। इनमें से दिल्ली से मुंबई एक्सप्रेसवे प्रमुख है, जिसे 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा। यह एक्सप्रेसवे देश की सबसे बड़ी एक्सप्रेसवे परियोजना बन जाएगी, जो भारत के दो सबसे बड़े शहरों को सीधे जोड़ने का कार्य करेगी।