8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग (CPC) का गठन लंबे समय से चर्चा का विषय बना हुआ है। खासकर सशस्त्र बलों के जवानों से लेकर अन्य सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में वृद्धि की उम्मीदें सरकार पर बढ़ती जा रही थीं। लेकिन हाल ही में मोदी सरकार की ओर से इस मुद्दे पर एक नकारात्मक प्रतिक्रिया आई है, जिससे कर्मचारियों के बीच आक्रोश फैल गया है।
देश की संसद में चल रहे गतिरोधों के बीच जब यह सवाल पूछा गया कि आखिरकार 8वें वेतन आयोग का गठन कब होगा, तो केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इसका स्पष्ट जवाब दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में केंद्र सरकार के पास केंद्रीय कर्मचारियों के लिए आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
इस जवाब ने उन कर्मचारियों के सपनों को तोड़ दिया जो लंबे समय से सैलरी में वृद्धि की उम्मीद कर रहे थे। खासकर 7वें वेतन आयोग के गठन के बाद 10 साल से अधिक का वक्त गुजर चुका है, और अब तक 8वें वेतन आयोग का गठन न होने पर कर्मचारियों में निराशा का माहौल है।
सोमवार को लोकसभा सांसद जय प्रकाश, आनंद भदौरिया और वी. वैथिलिंगम ने सरकार से यह सवाल पूछा था कि सातवें केंद्रीय वेतन आयोग (CPC) का गठन फरवरी 2013 में किया गया था और अब तक 8वें वेतन आयोग का गठन क्यों नहीं किया गया? इसके अलावा, इन सांसदों ने यह भी सवाल उठाया कि केंद्र सरकार कर्मचारियों की बढ़ती जीवनयापन लागत और अभूतपूर्व महंगाई को नजरअंदाज क्यों कर रही है?
इस पर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि 7वां वेतन आयोग 28 फरवरी 2014 को गठित किया गया था। हालांकि, वर्तमान में 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन को लेकर कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। इस जवाब के बाद कर्मचारियों और पेंशनरों की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है।
7वें वेतन आयोग का गठन फरवरी 2014 में किया गया था और इसके बाद से कर्मचारियों को उसी के तहत सैलरी मिल रही है। वर्तमान में केंद्र सरकार के पास 8वें वेतन आयोग के गठन का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। इसका मतलब है कि कर्मचारियों को अगले वेतन आयोग की उम्मीदें पूरी नहीं हो सकेंगी।
बीते कुछ वर्षों में महंगाई की दर में वृद्धि हुई है, और कर्मचारियों की सैलरी में अपेक्षाकृत कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें 7वें वेतन आयोग के बाद से अपेक्षाकृत कम सैलरी मिल रही है, और अब समय आ गया है कि वेतन में सुधार किया जाए। पेंशनर्स के लिए भी वेतन आयोग का गठन जरूरी है, क्योंकि उनके जीवनयापन की स्थिति और अधिक कठिन हो चुकी है।
केंद्र सरकार के इस नकारात्मक बयान के बाद, लगभग 48 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनरों में निराशा फैल गई है। कर्मचारियों को यह लगता है कि सरकार ने उनके हितों की अनदेखी की है, और यह उनके लिए एक बड़ा झटका है।
8वें वेतन आयोग के गठन की मांग केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बीच लंबे समय से उठ रही थी। हालांकि, सरकार की ओर से इस मामले में नकारात्मक प्रतिक्रिया ने कर्मचारियों के बीच असंतोष को जन्म दिया है।