जानिए किस आधार पर काटे जा रहे राशन कार्ड
Haryana ration card : हरियाणा की मनोहर सरकार (Manohar Govt) द्वारा परिवार पहचान पत्र को दिन- प्रतिदिन अपडेट किया जा रहा है. अभी तक फैमिली आईडी पर जमीन या चल- अचल संपत्ति का ब्यौरा ही अपडेट किया जा रहा था लेकिन अब PPP धारक (Haryana ration card) के नाम रजिस्टर्ड टू- व्हीलर और फोर व्हीलर वाहन का डाटा उठाना भी शुरू कर दिया गया है. वहीं, अब सरकार की ओर से शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को मुफ्त बस पास की सुविधा भी पीपीपी के जरिए ही दी जाएगी
किसी PPP धारक के नाम रजिस्टर्ड फोर व्हीलर वाहन मिला तो बीपीएल राशन कार्ड की सूची से उसका नाम हटा दिया जाएगा. यहां सिर्फ टू- व्हीलर वाहन को छूट दी गई है। इस संबंध में सरकार ने धरातल पर काम करना शुरू कर दिया है. अब सभी डाटा फैमिली आईडी के जरिए आनलाइन किया जाएगा
सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि किसी व्यक्ति के नाम मकान के अतिरिक्त प्लॉट रजिस्टर्ड मिला तो उसका भी राशन कार्ड काट दिया जाएगा. इससे पहले चौपहिया वाहन वालों के राशन कार्ड नहीं काटे जा रहे थे और न ही प्लॉट वालों के. शुरू में सरकार द्वारा 100 गज शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में 200 गज में मकान की छूट दी गई थी, लेकिन अब इस छूट को हटा दिया गया है।
इन लोगों पर भी गिरेगी गाज
यदि किसी धारक के नाम मकान के अलावा 100 गज शहरी या ग्रामीण क्षेत्र में 200 गज का प्लाट मिला तो उनको बीपीएल (Haryana ration card) की सुविधा नहीं मिलेगी। बता दें कि हाल ही में सरकार की ओर से ग्रामीण क्षेत्र में ड्रोन के जरिए पैमाइश कराई गई थी. उसमें गांवों में लाल डोरे की जमीन और मकान मालिकों की संपत्ति का ब्यौरा जुटा लिया था, जो अब ऑनलाइन कर दिया गया है. इसी डाटा को देखकर संपत्ति का आंकलन किया जा रहा है।
लोगों में जागरूकता का अभाव
PPP से संबंधित जिला मैनेजर ने बताया कि यदि आपने फोर व्हीलर बेच दिया है और फिर भी आपका बीपीएल राशन कार्ड (Haryana ration card) कट गया है तो पहले इसका पता कर लें। कहीं अभी भी वाहन आपके नाम रजिस्टर्ड दिखा रहा है. ऐसा हैं तो विभाग को अवगत कराएं और शिकायत दर्ज करें। यदि आपके प्रमाण सही मिलें तो बीपीएल राशन कार्ड दोबारा बन जाएगा।
उन्होंने बताया कि किसी ने ITR भरी हुई है या उनके नाम फोर व्हीलर वाहन रजिस्टर है. ऐसे लोगों को बीपीएल सूची (Haryana ration card) से बाहर किया जा रहा है. लेकिन फिर भी PPP धारक सीएससी सेंटर पर भाग- दौड़ कर रहे हैं क्योंकि लोगों में जागरूकता का अभाव है. इसके लिए वेबसाइट पर सिटीजन पोर्टल पर विकल्प दिया है. लघु सचिवालय में भी हेल्प डेस्क पर पीपीपी धारक अपनी आपत्ति दर्ज करा सकता है।