-पिंकी बूरा घोघड़ियां ने की है कैमिस्ट्री में PHD, विक्रम ने दिल्ली IIT से एम टैक
Haryana news : सोनीपत जिले के गांव खेड़ी दमकन निवासी विक्रम देशवाल ने उचाना के गांव घोघड़ियां की डा. पिंकी बूरा के साथ बिना दहेज की शादी कर मिसाल पेश की है। कोटा में मेडिकल के छात्रों को कैमिस्ट्री की कोचिंग देने वाले टीचर विक्रम देशवाल ने अपनी दूरदर्शी सोच के चलते शादी के समय दहेज की स्वीकृति को दृढ़ता से अस्वीकार कर दिया, जिसकी हर जगह तारीफ हो रही है।
गांव घोघड़ियां (Ghogrhrian) के पूर्व सरपंच प्रतिनिधि रणबीर सिंह उर्फ धौला बूरा की बेटी डा. पिंकी बूरा ने कैमिस्ट्री में पीएचडी (PHD) की हुई है। डा. पिंकी बूरा घोघड़ियां (Dr Pinki Boora) के राजकीय कन्या हाई स्कूल और काकड़ौद कन्या स्कूल की राेल माडल रह चुकी हैं और शुरू से ही पढ़ाई में अव्वल रही। डा. पिंकी बूरा के साथ 18 फरवरी को परिणय के सूत्र में बंधने वाले विक्रम देशवाल ने भी दिल्ली आईआईटी (IIT) से एम टैक (M Tech) की हुई है और विक्रम के पिता डा. रामकंवर देशवाल कृषि विभाग में एसडीओ लगे हैं और मां भी खानपुर महिला विश्वविद्यालय में लैब टैक्नीशियन के पद पर हैं। विक्रम का कहना है कि उन्हें शुरू से ही ये ठान लिया था कि बिना दहेज के ही शादी करेंगे। विवाह जैसा पवित्र बंधन भौतिक संपत्ति की बजाय आपसी सम्मान, समझ और सांझा मूल्यों पर आधारित होना चाहिए।
गांव (Ghogrian) के राजकीय कन्या हाई स्कूल के अंग्रेजी प्रवक्ता मास्टर रमेश कौशिक ने बताया कि डा. पिंकी बूरा काफी होनहार छात्रा रही है। मास्टर रमेश ने कहा कि दहेज प्रथा समाज में कलंक है। इसकी जद में आकर कई परिवार उजड़ गए। युवाओं की सोच के आगे अब इस प्रथा का अंत होने लगा है। गांव में इससे पहले सब इंस्पेक्टर सुनील बूरा (SI Sunil Boora), गांव के ही प्रदीप बूरा (Pradeep Boora) ने भी दहेज को सिरे से नकारते हुए मात्र एक रुपये शगुन के तौर पर लेकर शादी की थी। युवाओं को बगैर दहेज शादी करने के लिए आगे आना चाहिए। इससे इस कुप्रथा का अंत संभव है।
विक्रम देशवाल के पिता डा. रामकंवर ने कहा कि उनके परिवार की तरह दहेज रहित शादी को बढ़ावा दें, ताकि गरीब आदमी भी अपने घर पर बेटी पैदा होने पर गर्व महससू कर सकें।