तेज किया जाएगा वोट फोर ओपीएस (Vote for OPS) अभियान
Vote for OPS Haryana : हरियाणा के बजट सत्र में पुरानी पेंशन बहाल नहीं किए जाने से प्रदेश भर के कर्मचारी सरकार से काफी खफा नजर आ रहे हैं। अब सरकार के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूंकते हुए वोट फोर ओपीएस की अभियान को तेज किया जाएगा। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि जब तक पुरानी पेंशन बहाल नहीं हो जाती, उनका संघर्ष जारी रहेगा। जींद में प्रदेश स्तरीय रैली में रिकार्डतोड़ भीड़ के जरिए कर्मचारी ये बता चुके हैं कि वो अपनी मांगें मनवाने के लिए एक बैनर के नीचे एकत्रित होना भी जानते हैं और बड़े फैसले लेना भी जानते हैं।
शनिवार को जींद के नेहरु पार्क में पेंशन बहाली संघर्ष समिति की जिला और ब्लाक कार्यकारिणी की बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता जिला प्रधान जोगेंद्र लोहान और महिला विंग की प्रधान अनुराधा गुप्ता ने की। मंच संचालन सज्जन राठी ने किया। बैठक में राज्य कार्यकारिणी से वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनूप लाठर (Anoop Lather) और अनुशासन समिति अध्यक्ष वजीर गांगोली भी खास तौर पर पहुंचे। हरियाणा सरकार द्वारा बजट सत्र में पुरानी पेंशन बहाल नहीं करने से कर्मचारियों ने भारी नाराजगी जताते हुए फैसला लिया कि यदि सरकार आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने तक पुरानी पेंशन बहालनहीं करती है तो कर्मचारी हिमाचल प्रदेश की तरह वोट फोर ओपीएस (Vote for OPS) के अभियान को घर-घर तक लेकर जाएंगे और पेंशन आंदोलन को तेज किया जायेगा।
अनूप लाठर ने बताया कि पेंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा ओपीएस (OPS) के मुद्दे को लेकर जींद के एकलव्य स्टेडियम में 11 फरवरी 2024 को ओपीएस संकल्प महारैली, जींद की समीक्षा की गई, जिसमे प्रदेश के लाखों कर्मचारियों ने भाग लिया और इस महारैली को हरियाणा के इतिहास की सबसे बड़ी रैली माना गया। सफलतम रैली के लिए संघर्ष समिति ने सभी कर्मचारी यूनियनों, सामाजिक एवम छात्र संगठनों , रिटायर्ड कर्मचारी संगठनों का आभार जताया। रैली को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सभी ब्लाक कार्यकारिणी, वालंटियर और छह फरवरी से 11 फरवरी तक ओपीएस संकल्प पद यात्रा में पैदल चले कर्मचारियों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
पेंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा द्वारा (Vote for OPS) पिछले पांच वर्षों से लगातार धरने, प्रदर्शन, रैलियां, भूख हड़ताल किए गए, 19 फ़रवरी को पंचकूला में वाटर कैनन, आंसू गैस और लाठी चार्ज सहा गया। जिसके बाद प्रदेश सरकार द्वारा तीन सदस्यीय कमिटी का गठन भी किया गया। 3 मार्च 2023 को कमेटी की एक मीटिंग के बाद कोई मीटिंग सरकार द्वारा नही बुलाई गई और ना ही ओपीएस बहाली की तरफ कोई भी उचित कदम नहीं उठाया जा रहा जिससे प्रदेश के लाखों कर्मचारियों व अधिकारियों में सरकार के खिलाफ भारी रोष है।
समिति के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनूप लाठर ने कहा कि पेंशन बहाली संघर्ष समिति द्वारा प्रदेश में ओपीएस आंदोलन को गांव स्तर पर मजबूत किया जा रहा है, 5200 से अधिक गांव में टीम बनाई गई है। जहां सरकार सबका साथ सबका विकास का नारा दे रही है वहीं कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। नेता एक दिन के लिए भी विधायक, सांसद चुने जाने पर चार चार पेंशन ले रहे हैं और कर्मचारी अपना पूरा जीवन सरकारी सेवा में जनता को समर्पित करता है फिर भी उसे बाजार के हवाले धकेला जा रहा है जो कि कदापि न्याय संगत नहीं है।
बैठक में मुख्य रूप से नीति सुखीजा, दलबीर गोरिया, विक्रम मेहरा, विकाश खटकड़, हरीश शर्मा, बिजेंद्र करेला, विजयपाल फौजी, अनिरुद्ध शर्मा, संदीप पहल, सचिन दलाल, विक्रम खान, सुभाष मालवी, रमेश लोहान, जसबीर चहल, जसबीर श्योकंद , वीरेंद्र मलिक, नरेंद्र पुनिया, संदीप बामनिया, रविंद्र कालीरमन, जोगेंद्र सिंधु, संदीप , राजेश लोहान, राजेश बाल्यान, नरेश सफीदों आदि उपस्थित रहे।