Haryana Court decision : पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने वीरवार को हरियाणा सरकार से कहा कि उसकी अनुमति के बिना डेरा सच्चा सौदा प्रमुख और दुष्कर्म के दोषी गुरमीत राम रहीम को और पैरोल न दी जाए।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जी.एस.संधावालिया और न्यायमूर्ति लपिता बनर्जी की पीठ शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की एक याचिका (Haryana Court decision) पर सुनवाई कर रही थी जिसमें डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को अस्थायी रूप से रिहा करने के फैसले को चुनौती दी गई थी।
गुरमीत सिंह को 19 जनवरी को 50 दिन की पैरोल दी गई थी। इससे करीब दो महीने पहले भी डेरा प्रमुख को 21 नवंबर 2023 में 21 दिन की छुट्टी दी गई थी जो रोहतक के सुनारिया जेल से 2023 में तीसरी अस्थायी रिहाई थी।
सिंह अपनी दो शिष्याओं से बलात्कार के आरोप में 20 साल की जेल की सजा काट रहा है। 2021 में, डेरा प्रमुख को चार अन्य लोगों के साथ, डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या की साजिश रचने के लिए भी दोषी ठहराया गया था।
अदालत ने अपने आदेश में कहा, इस बीच, उक्त प्रतिवादी तय तिथि यानी 10.03.2024 को आत्मसमर्पण कर सकता है और उसके बाद राज्य के अधिकारी इस अदालत की अनुमति के बिना अगले आदेश तक उसे पैरोल देने पर विचार नहीं करेंगे।
अदालत ने आदेश में कहा कि हरियाणा राज्य (Haryana Court decision) इस आशय का आवश्यक हिरासत प्रमाण पत्र भी दाखिल करेगा कि उक्त प्रतिवादी ने निर्धारित तिथि पर आत्मसमर्पण कर दिया है।