Haryana news : रोजमर्रा का काम करने वाले रेहड़ी, ठेला लगाने वालों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए सरकार ने योजना चलाई है। सरकार ने एक जून 2020 को पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (प्रधानमंत्री स्वनिधि) योजना शुरू की, जो छोटे दुकानदारों-कारोबारियों और रेहड़ी-पटरी वालों के लिए वरदान साबित हुई है।
आज स्ट्रीट वेंडर्स को बगैर कुछ गिरवी रखे और बगैर किसी जमानत के बहुत कम ब्याज दर पर 50 हजार रुपये तक का लोन मिल रहा है।
हरियाणा (Haryana news ) में इस योजना को डेढ़ लाख से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स ने अपनाया है, जिससे उन्हें स्व-रोजगार शुरू करने और विस्तार करने में काफी मदद मिली। इससे उनके जीवन में गुणात्मक सुधार आया है। वर्तमान में करीब डेढ़ लाख स्ट्रीट वेंडर्स ऋण लेने की कतार में हैं जिससे अपने काम को बढ़ाकर न केवल खुद आत्मनिर्भर बनें, बल्कि देश-प्रदेश को भी आत्म निर्भर बनाने में महती भूमिका निभा सकें।
रेहड़ी-पटरी वालों के साथ ही सभी स्ट्रीट वेंडर्स स्थानीय शहरी निकाय में जाकर अनुशंसा पत्र (एलओआर) के लिए अनुरोध कर सकते हैं। इसके अलावा पीएम स्वनिधि पोर्टल पर भी ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। स्थानीय निकाय की ओर 15 दिन के अंदर एलओआर जारी कर दिया जाएगा। जिन ठेला दुकान चलाने वालों के पास पहचान पत्र और विक्रय प्रमाणपत्र नहीं है, वह अनुशंसा पत्र ले सकते हैं।
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा पीएम स्वनिधि के प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए कराए गए सर्वे के मुताबिक, 10 हजार रुपये की पहली किस्त से प्रत्येक लाभार्थी (Haryana news ) को औसतन 23 हजार 460 रुपये की अतिरिक्त वार्षिक आय हुई। सर्वेक्षण में शामिल 95 प्रतिशत लोगों के लिए पीएम-स्वनिधि ऋण उनका पहला बैंक ऋण था।
इनमें से 72 प्रतिशत ने कहा कि यह उनका पहला व्यावसायिक ऋण था। जिन लाभार्थियों ने 10 हजार रुपये का पहला ऋण लिया था, उनमें से 94 प्रतिशत ने इसका उपयोग व्यवसायिक निवेश करने में किया। इसी तरह दूसरी बार ऋण लेने वालों में 98 प्रतिशत ने व्यवसायिक निवेश किया।