Haryana sarkaar : हरियाणा की बीजेपी सरकार में मंत्री रहे अनिल विज ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि नई कैबिनेट के शपथग्रहण के बाद किसी ने भी उनसे बात नहीं की. उन्होंने कहा, ‘मुझे किसी ने मनाने की भी कोशिश नहीं की।
नई कैबिनेट के शपथग्रहण के बाद अनिल विज ने कहा था कि वह बीजेपी के भक्त हैं और परिस्थितियां बदली रहती है। उन्होंने यह भी कहा था कि वह अपनी पार्टी बीजेपी के लिए और भी ज्यादा काम करेंगे।
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें कोई मनाने आया? अनिल विज ने कहा, “नहीं मैं तो रूठा ही हुआ नहीं है। विज ने कहा कि शपथग्रहण (Haryana sarkaar) के बाद उनसे किसी ने भी बात नहीं की है, जबकि उन्होंने कहा कि विधानसभा का सेशन भी अटेंड किया है। उन्होंने कहा कि सारे मौजूद थे लेकिन मेरे साथ किसी ने बात नहीं की है।
नायब सिंह मेरा छोटा भाई’
अनिल विज ने कहा, ‘जो कर रहे हैं अच्छा ही कर रहे हैं. अच्छी सरकार चलाएंगे। नायब सिंह सैनी हमारा छोटा भाई है और हमें उम्मीद है कि वह बेहतरीन काम करेंगे। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा (Haryana sarkaar) में बीजेपी-जेजेपी का गठबंधन टूट गया है और नायब सिंह सैनी की अगुवाई में यहां नई सरकार का गठन किया गया है।
अनिल विज मनोहरलाल खट्टर कैबिनेट का हिस्सा थे और वह गृह विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
अनिल विज का 2014 में कटा था पत्ता
अनिल विज के बारे में कहा जाता है कि 2014 में वह मुख्यमंत्री पद की रेस में थे लेकिन कथित रूप से पार्टी ने उनका पत्ता काट दिया था। उनकी जगह पहली बार विधायक चुने जाने वाले मनोहरलाल खट्टर को मुख्यमंत्री चुना गया था। अनिल विज की नाराजगी तब खुलकर सामने आ गई, जब वह हरियाणा निवास (Haryana sarkaar) में विधायकों की मीटिंग बीच में ही छोड़कर निकल गए। उसी दिन शाम को नई कैबिनेट का शपथग्रहण हुआ, लेकिन विज वहां नजर नहीं आए।
फ्लोर टेस्ट में पहुंचे थे अनिल विज
अनिल विज से नाराजगी पर पहले भी सवाल किए गए लेकिन उन्होंने खुद को पार्टी का भक्त करार देते हुए अपनी नाराजगी से इनकार किया था। मनोहरलाल खट्टर ने भी कहा था कि अनिल विज नाराज होते रहते हैं लेकिन बाद में सब ठीक हो जाता है।
नई कैबिनेट के गठन और जेजेपी से गठबंधन टूटने के बाद नायब सिंह सैनी ने विधानसभा में बहुमत भी हासिल की, जहां फ्लोर टेस्ट के दौरान अनिल विज भी विधानसभा पहुंचे थे।