Fraud with yaduvanshi group : पूर्व विधायक राव बहादुर सिंह के साथ धोखाधड़ी, यदुवंशी ट्रस्ट के स्कूल की पांच साल के लिए ली थी बीएलएस ग्रुप ने फ्रेंचाइजी, स्कूल ट्रांसपोर्ट की 40 गाड़ियां हड़पी

Fraud with yaduvanshi group : महेंद्रगढ़ के नांगल चौधरी से पूर्व विधायक राव बहादुर सिंह के ट्रस्ट यदुवंशी ग्रुप द्वारा जींद के ईगराह गांव में पांच साल के लिए बीएलएस ग्रुप को फ्रेंचाइजी दी थी लेकिन एग्रीमेंट खत्म होने के बाद स्कूल ट्रांसपोर्ट की 40 गाड़ियां वापस नहीं दी। इन गाड़ियों को फर्जी दस्तावेज तैयार करवाकर कबाड़ में बेचने, खुर्द बुर्द करने के आरोप बीएलएस ग्रुप पर लगे हैं।

 

सदर थाना पुलिस ने बीएलएस ग्रुप के चेयरमैन, सीईओ समेत छह लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेजों का सहारा लेने, दस्तावेज नष्ट करने समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

 

महेंद्रगढ़ के नांगल चौधरी से पूर्व विधायक राव बहादुर सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि साल 2016 में उन्होंने ईगराह गांव में यदुवंशी शिक्षा निकेतन के नाम से बीएलएस ग्रुप गाजियाबाद को पांच साल के लिए फ्रेंचाइजी दी थी। इस स्कूल में बच्चों को स्कूल तक ले कर आने और वापस छोड़ने के लिए उनके ट्रस्ट राव चिरंजी लाल स्मृति एंड जन सेवा ट्रस्ट महेंद्रगढ़ की ही थी। इस ट्रस्ट के चेयरमैन करण सिंह हैं।

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उन्होंने साल 2017-18 में स्कूल ट्रांसपोर्ट के लिए ट्रस्ट के नाम से 46 छोटी-बड़ी बसें और गाड़ियां लोन पर खरीदी थी। इन बसों को 600 रुपए प्रति सीट के हिसाब से मासिक किराए पर दिया था। इसका किराया साल 2020 से पेडिंग पड़ा है। 31 मार्च 2022 को बीएलएस ग्रुप को दी गई फ्रेंचाइजी का समय पूरा हो गया और दोनों पक्षों के बीच तय हुआ कि आगे से दोनों अपना-अपना अलग स्कूल चलाएंगे।

 

उस समय गांव ईगराह में बनाई गई बिल्डिंग बीएलएस ग्रुप की थी। बीएलएस ग्रुप ने यदुवंशी शिक्षा निकेतन की जगह एक अप्रैल 2022 से ब्राइट एवेन्यू के नाम से अपना स्कूल शुरू किया। बीएलएस ग्रुप ने सभी 46 गाड़ियों को पूर्व निर्धारित किराए पर देने की मांग यदुवंशी ग्रुप से की। यदुवंशी शिक्षा निकेतन के पास उस समय खुद की बिल्डिंग नहीं थी, इसलिए उन्होंने जब तक उनकी खुद के स्कूल की बिल्डिंग तैयार नहीं होती, तब तक गाड़ियों को बीएलएस ग्रुप को ही किराए पर दे दिया।

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एक अप्रैल 2023 से उनका यदुवंशी ग्रुप शिक्षा निकेतन बीबीपुर गांव में शुरू हो गया तो उन्होंने बीएलएस ग्रुप से अपनी गाड़ियां वापस मांगी लेकिन उनकी 35 से 36 गाड़ियां बीएलएस ग्रुप ने वापस नहीं की। ये सभी गाड़ियां उनके ट्रस्ट के नाम से ही रजिस्टर्ड हैं। बीएलएस ग्रुप द्वारा इन गाड़ियों को वापस नहीं किए जाने पर जींद सदर थाना पुलिस और आरटीए जींद को शिकायत दी गई और उन वाहनों की एनआेसी जारी नहीं करने की मांग की।

 

इसके बाद 24 मई को आरटीए कार्यालय में दोनों पक्षों को बुलाया गया लेकिन मामला नहीं सुलझ सका। बीएलएस ग्रुप के डायरेक्टर उनसे तारीख पर तारीख मांगते रहे लेकिन उनकी गाड़ियां नहीं लौटाई। पूर्व विधायक राव बहादुर सिंह का आरोप है कि बीएलएस ग्रुप ने उनकी गाड़ियों को धोखेबाजी, जालसाजी करते हुए खुर्द-बुर्द करने की कोशिश की।

 

बीएलएस ग्रुप के पदाधिकारियों ने गाड़ियों के फर्जी दस्तावेज बनाकर कुछ गाड़ियों को बेच दिया। सदर थाना पुलिस ने पूर्व विधायक की शिकायत पर बीएलएस ग्रुप के चेयरमैन उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद निवासी तरुण अग्रवाल, सीईओ आरएन श्रीवास्तव, डायरेक्टर सोमदेव शर्मा, नोविता, कपिल गर्ग , ब्राइट एवेन्यू के प्राचार्य बालकिशन के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है|

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