Jind fire location : हरसैक से मिली 307 लोकेशन में से 24 जगह पाई आगजनी

Parvesh Mailk
4 Min Read
Out of 307 locations found by Harsac, arson was found in 24 places.

कृषि विभाग ने 60 हजार रुपये किया जुर्माना

Jind fire location : जींद : रबी के सीजन में खेतों में बड़े स्तर पर फसल अवशेष जले। जिससे पर्यावरण प्रदूषण तो हुआ ही, साथ ही हरियाली भी आग की चपेट में आ गई। पिछले दिनों कालवा में फसल अवशेष में लगाई गई आग की चपेट में सफेदे भी आ गए। जलने की वजह से सफेदा टूट कर वहां से गुजर रही बिजली लाइन पर गिर गया।

जिसकी वजह से 10 से ज्यादा गांवों की बिजली पूरा दिन बाधित रही थी। बिजली निगम की तरफ से इस मामले में पुलिस को शिकायत भी दी गई थी। हरसैक की तरफ से रबी सीजन में आगजनी की 307 लोकेशन भेजी गई।

कृषि विभाग की जांच में इनमें से केवल 24 जगह ही आग लगाने के मामले सामने आए। जिसमें कुल 36 एकड़ 36 कनाल 34 मरले में आगजनी पर 16 चालान करते हुए 60 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया। वहीं बाकी 283 लोकेशन पर शार्ट सर्किट या अन्य कारणों से आग लगना पाया गया। हालांकि फसली सीजन में पूरे अप्रैल माह दिन में ग्रामीण क्षेत्र में बिजली सप्लाइ बंद थी।

ये भी पढ़ें :   Kisan Vikas Patra: डाकघर की यह योजना आपको बना सकती है करोड़पति, 1000 रूपये महीना बचा कर 10 साल से कम समय होगा पैसा डबल

उस दौरान नरवाना क्षेत्र में आग लगने की वजह से कई एकड़ खड़ी गेहूं की फसल भी जल गई थी। आग किसने लगाई, ये सामने नहीं आ सका। जब दिन में बिजली सप्लाइ बंद थी, तो शार्ट सर्किट कैसे हुआ। गेहूं की कटाई व रीपर से तूड़ी बनाने के बाद काफी किसान फसल अवशेष में आग लगा देते हैं।

सूखे हुए फसल अवशेष बारूद के ढेर की तरह होते हैं। एक चिंगारी लगने के बाद आग खेतों में काफी दूर तक फैल जाती है। जिससे खेतों में खड़े पेड़-पौधे, तूड़ी के कूप, मोटर, इंजन व अन्य सामान भी आग की चपेट में आता है।

 

एक जुताई का खर्च बचाने के चक्कर में फसल अवशेष जला रहे
राजकीय महाविद्यालय नरवाना के रसायन शास्त्र के सह प्राध्यापक जयपाल आर्य ने बताया कि किसान खेत को जल्दी तैयार करने के चक्कर में फसल अवशेष जला रहे हैं। इस बार भी गेहूं की कटाई के बाद बड़े स्तर पर फसल अवशेष जलाए गए हैं। जिसमें लाखों जीव-जंतुओं की हत्या, लाखों घन मीटर प्रदूषित गैस निकली। इससे प्रति एकड़ 50 से 100 किलोग्राम नाइट्रोजन और फास्फोरस का अधिक खर्च, एक या दो अधिक सिंचाई की आवश्यकता होगी।

ये भी पढ़ें :   Government on backfoot : अभी लागू नहीं होगा हिट एंड रन कानून, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के साथ बैठक के बाद सरकार ने उठाया कदम

ऐसे में 300 रुपये प्रति एकड़ एक जुताई के खर्च को बचाने के चक्कर में किसान को तीन हजार रुपये अतिरिक्त खर्च करने पड़ेंगे।

 

24 जगह पाई गई आगजनी
कृषि विभाग से क्वालिटी कंट्रोल इंस्पेक्टर नरेंद्र पाल ने बताया कि रबी सीजन में हरसैक की तरफ से जो लोकेशन भेजी गई थी। उनमें से 24 जगह आगजनी पाए जाने पर 60 हजार रुपये जुर्माना किया गया है। वहीं बाकी लोकेशन शार्ट सर्किट व अन्य कारणों से आगजनी की थी।

Share This Article
Follow:
मेरा नाम प्रवेश है, मैने पिछले साल जनवरी 2023 में मास्टर ऑफ आर्ट जर्नलिजम मासकॉम किया है, तभी से क्लिनबोल्ड से कंटेंट राइटर के तौर से जुड़ा हुआ हूं। इससे पहले पंजाब केसरी में दो महिने कंटेट राइटर का कार्य किया हैं। इसके अतिरिक्त लेखक के तौर पर सामाजिक आर्टिकल और काव्य- संग्रह में भी सक्रिय रहता हूँ।