Meri Fasal Mera Byora 2024 : मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल खुला ! बाजरा, कपास, ग्वार, मूंग Online Registration शुरु हुई

Parvesh Mailk
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My crop-my details portal opened! Millet, cotton, guar, moong online registration started

Meri Fasal Mera Byora 2024 : मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल फिर से हरियाणा के किसानों के लिए खुल गया है। इसलिए, हरियाणा के किसानों के लिए अपनी फसल को ऑनलाइन पंजीकरण करवाने के लिए एक सुनहरा अवसर मिला है। जो इसकी अंतिम तारीख से पहले फसल का पंजीकरण इस साइट पर करवाएंगे। ताकि किसानों को हरियाणा और भारत सरकार के द्वारा विभिन्न योजनाओ का लाभ समय -समय पर मिलता रहेगा। जैसे खेतो के 6000/- सालाना, किसी भी उपकरण पर सब्सिडी, फसल बीमा, फसल ख़राब होने पर शिकायत करने के लिए,फसल भूमी पर लोन लेने के लिए(कृषि कार्ड) और फसलों के मुआवजे के लिए |

 

खरीफ फसल के लिए पंजीकरण

पाठकों को बता दें कि, खरीफ फसल पंजीकरण के लिए आपको अपने जिले के कृषि विभाग के आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। वहां आपको फॉर्म भरने के लिए आवश्यक सूचना मिलेगी, जैसे कि फसल का नाम, जमीन का विवरण, किस्म, बीज की सूचना, और अन्य विवरण। आपके जिले के अनुसार वेबसाइट की जानकारी आपके जिले के कृषि विभाग के आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध होगी।

खरीफ फसल का समय गर्मियों के बाद आता है और यह भारत में जून से सितंबर के बीच होता है। यह फसल बारिश के मौसम में उगाई जाती है और इसमें धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, अरहर, मूंगफली, उड़द, तिल, गन्ना, घी, और अन्य फसलें शामिल होती हैं। खरीफ फसल की उपयुक्त जलवायु और मिट्टी की सूचना के आधार पर किसी भी खास फसल की खेती की जा सकती है।

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खरीफ फसलों के प्रकार

  • धान (Rice): धान भारत में खरीफ फसल की एक प्रमुख फसल है। यह जलवायु और मिट्टी के अनुसार बोई जाती है और भारतीय खाद्य संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखती है।
  • ज्वार (Sorghum): ज्वार एक अन्य महत्वपूर्ण खरीफ फसल है जो खाद्य और चारा के लिए उपयोग होता है।
  • बाजरा (Pearl Millet): बाजरा भी खरीफ में बोयी जाने वाली फसल है जो खाद्य और चारा के लिए उपयोग होती है।
  • मक्का (Maize): मक्का खरीफ में बोयी जाने वाली एक और महत्वपूर्ण फसल है। यह खाद्य और चारा के उद्देश्यों के लिए उपयोग होता है।
  • अरहर (Pigeon Pea): अरहर खरीफ में बोयी जाने वाली दालीय फसल है।
  • मूंगफली (Groundnut/Peanut): मूंगफली खरीफ में बोयी जाने वाली तिलहन फसल है जो तेल और प्रोटीन के लिए उपयोग होती है।
  • उड़द (Black Gram): उड़द भी खरीफ में बोयी जाने वाली दालीय फसल है।
  • ग्वार (Cluster Beans) : ग्वार खरीफ में बोयी जाने वाली फसल है जो खाद्य और चारा के उद्देश्यों के लिए उपयोग होती है।
  • भिंडी (Okra/Ladyfinger) : भिंडी खरीफ में बोयी जाने वाली सब्जी है जो खाद्य के उद्देश्यों के लिए उपयोग होती है।
  • बैंगन (Eggplant/Brinjal) : बैंगन भी खरीफ में बोयी जाने वाली सब्जी है जो खाद्य के उद्देश्यों के लिए उपयोग होती है।
  • कटहल (Jackfruit) : कटहल खरीफ में बोयी जाने वाली फली फसल है जो खाद्य के उद्देश्यों के लिए उपयोग होती है।
  • कद्दू (Pumpkin) : कद्दू खरीफ में बोयी जाने वाली सब्जी है जो खाद्य के उद्देश्यों के लिए उपयोग होती है।
  • टमाटर (Tomato) : टमाटर भी खरीफ में बोयी जाने वाली सब्जी है जो खाद्य के उद्देश्यों के लिए उपयोग होती है।
  • गोभी (Cauliflower) : गोभी खरीफ में बोयी जाने वाली सब्जी है जो खाद्य के उद्देश्यों के लिए उपयोग होती है।
  • गाजर (Carrot) : गाजर भी खरीफ में बोयी जाने वाली सब्जी है जो खाद्य के उद्देश्यों के लिए उपयोग होती है।
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खरीफ फसल की पंजीकरण के लिए अंतिम तिथि  Meri Fasal Mera Byora

आरंभ तिथि :- 01-06-2024

अंतिम तिथि :- 30-06-2024

पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज 2024 Meri Fasal Mera Byora

A. यदि आप पहली बार पंजीकरण कर रहे है :-

  • परिवार पहचान पत्र,
  • मोबाइल नंबर जिसपे पहले पंजीकरण ना हुवा हो और साथ में जो मोबाइल नंबर फॅमिली I’D में दिया हुवा है वो साथ में
  • बैंक पास बुक
  • मॉल दरखास की पर्ची या जमीं रिकॉर्ड जिसपे आपने फसल ऊगा राखी है

 

B. यदि पहले से ही पंजीकृत हो तो 

  • मोबाइल नंबर वही जिसपे आप पहले से ही पंजीकृत हो
  • बैंक पास बुक
  • मॉल दरखास की पर्ची या जमीं रिकॉर्ड जिसपे आपने फसल ऊगा राखी है

मेरा पानी मेरी विरासत योजना

मेरा पानी मेरी विरासत योजना की सुरुवात को हरियाणा में धान की फसल की बिजाई को कम करने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खटर जी ने की थी। इस योजना का मुख्य लक्ष्य लगातार कम हो रहे जल सत्र को रोकने और उसे सुधारने के लिए की गई थी। जिसमे सरकार काफी हद तक कामयाब भी हुई है।

मेरा पानी मेरी विरासत योजना के लाभ एवं शर्ते

मेरा पानी मेरी विरासत योजना में सरकार किसान को 7 हजार रूपये प्रति एकड़ देती है। जिससे किसानों को खेतों की सिंचाई की व्यवस्था हो सक। किसान जिस जमीं पर इस योजना का लाभ लेना चाहता है उसी जमीं पर पिछले सीजन में जीरी (धान) का होना जरुरी है या वो किसान पिछले सीजन में भी इस योजना का लाभ ले चूका हो तो भी उसे इस बार फिर से इस योजना का लाभ मिलेगा यदि उसी जमीं पर इस बार भी वह किसान धान (जीरी) को छोड़ कर कपास या अन्य कोई फसल उगाता है तो

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DSR ड्रिल मशीन के द्वारा धान (जीरी) की सीधी बिजाई

यदि कोई भी किसान अपने खेत में धान की मशीन के द्वारा सीधी बिजाई करेगा तो, हरियाणा सरकार उसको 4 हजार प्रति एकड़ रूपये का अतरिक्त मुनाफा देगी। जिससे किसानों का आर्थिक सहयोग मिलेगा। वहीं किसान अपने खेत में देसी कपास बिजाई करेगा तो हरियाणा सरकार उसको भी 4 हजार प्रति एकड़ रूपये का अतरिक्त मुनाफा देगी।

 

महत्वपूर्ण लिंक्स
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देसी कपास का पंजीकरण का लिंक्स Click Here
ऑफलाईन फॉर्म Click Here
बैंक खाता का विवरण बदलने के लिए लिंक्स Click Here
अन्य राज्यों के किसानों के लिए पंजीकरण Click Here
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पंजीकरण (पडोसी राज्य के किसान जिनकी जमीन हरियाणा में है)
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पंजीकरण प्रिंट (पडोसी राज्य के किसान जिनकी जमीन हरियाणा में है)
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बैंक खाता का विवरण बदलने के लिए  (पडोसी राज्य के किसान जिनकी जमीन हरियाणा में है)
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मेरा नाम प्रवेश है, मैने पिछले साल जनवरी 2023 में मास्टर ऑफ आर्ट जर्नलिजम मासकॉम किया है, तभी से क्लिनबोल्ड से कंटेंट राइटर के तौर से जुड़ा हुआ हूं। इससे पहले पंजाब केसरी में दो महिने कंटेट राइटर का कार्य किया हैं। इसके अतिरिक्त लेखक के तौर पर सामाजिक आर्टिकल और काव्य- संग्रह में भी सक्रिय रहता हूँ।