HSSC Group C and D Vacancy 2024 : कई दिनों से हरियाणा सरकार और पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के फैसलों के कारण ग्रुप C और D भर्तियों को लेकर घमासान मचा हुआ है। इसी घमासान में हरियाणा चयन आयोग भी कूद गया है। बता दें कि, हरियाणा सरकार के ग्रुप C और D के करीब 60 हजार पदों पर भर्ती मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले के बाद एचएसएससी तीन ऑप्शनों पर विचार कर रहा है। इन ऑप्शन में सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करना, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करना और हाईकोर्ट के फैसले को लागू करना शामिल है। आयोग के चेयरमैन हिम्मत सिंह कानूनी टीम के साथ फैसले का अध्ययन कर रहे हैं। सरकार भी अपने लेवल पर अध्ययन कर रही है।
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के फैसले पर टिकी निगाहें
दरअसल, आरंभिक में सीएम नायब सिंह सैनी ने हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने की घोषणा की थी। मगर कानूनी पहलुओं पर विचार करते हुए अभी अंतिम निर्णय होना बाकी है। लाखों बेरोजगार युवा आयोग के अगले निर्णय का इंतजार कर रहे हैं। अभ्यर्थी दो तरह के ग्रुपों में बंटे हुए हैं। एक गुट चाहता है कि, हाईकोर्ट के फैसले को तुरंत लागू किया जाए और बाकी पदों का रिजल्ट घोषित किया जाए। जबकि दूसरा गुट सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर सामाजिक-आर्थिक मापदंड के अंकों को बचाना चाहता है, ताकि गरीब परिवारों के अभ्यर्थियों को इसका फायदा मिल सके।
अगले 3 माह में हो सकती है भर्ती
सूचनाओं के मुताबिक, यदि हाईकोर्ट के फैसले को लागू किया जाता है, तो आने वाले 3 माह में लगभग 45 हजार पदों पर भर्ती हो सकती है। ग्रुप C के करीब 32 हजार पदों में से लगभग 12 हजार पदों का परिणाम आ चुका है। इसी आधार पर टीजीटी के 7 हजार 575 पदों का परिणाम भी जारी हो सकता है। ग्रुप D के करीब 11 हजार पदों का परिणाम आ चुका है, इसमें लगभग 3 हजार पदों का परिणाम पेंडिंग है, जबकि 3 हजार चयनित अभ्यर्थी ग्रुप सी में शामिल हो चुके हैं। ग्रुप डी के करीब 4 हजार और पद खाली हैं, जिन्हें सरकार आयोग को भेज सकती है।
हो सकती है 6500 पदों पर नई पुलिस भर्ती
इसी तरह पुलिस कांस्टेबल के लगभग 6 हजार 500 पदों के लिए विज्ञापन पहले ही जारी हो चुका है। यदि हाईकोर्ट के फैसले पर अमल होता है तो इन पदों पर भी भर्ती प्रक्रिया अगले 3 महीने में पूरी हो सकती है। सरकार ग्रुप C के लगभग 10 हजार पदों के लिए आयोग को अनुरोध भी भेज सकती है। इस तरह लगभग 45 हजार पदों पर नियुक्तियां हो सकती हैं। जिन ग्रुप के पेपर पहले ही हो चुके हैं, उनके नतीजे सामाजिक-आर्थिक मापदंड के अंकों के बिना जारी किए गए हैं, इसलिए उनका परिणाम सुरक्षित रह सकता है।
ग्रुप 1 और 2 की परीक्षा को बचाने की तैयारी
ग्रुप 1 और 2 के कुछ अभ्यर्थियों का कहना है कि, इस पेपर को इसलिए भी बचाया जा सकता है क्योंकि शॉर्टलिस्टिंग के दौरान सामाजिक-आर्थिक मापदंड के अंकों के साथ और बिना अंकों के अभ्यर्थियों को बुलाया गया था। यदि फैसले को लागू करना है तो, यह उन अभ्यर्थियों में से हो सकता है, जिन्हें सीईटी अंकों के आधार पर खारिज किया गया था। ग्रुप नंबर 5 हजार 6, 57 का पेपर दोबारा लेना अनिवार्य होगा। क्योंकि खारिज करने का आधार सीईटी अंक था, न कि सीईटी अंक।
अंतिम निर्णय आना बाकि है
पाठकों को बता दें कि, चयन आयोग और सरकार ने भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के बारे में कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है, मगर सबसे ज्यादा उम्मीद हाईकोर्ट के निर्णय को लागू करने और परिणाम जारी करने की है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में छुट्टी है। यदि सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की जाती है और सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट के निर्णय पर रोक लगाता है, तो आयोग शेष पदों का परिणाम जारी कर सकता है। यदि यह रोक नहीं दी जाती है, तो आयोग हाईकोर्ट के फैसले के मुताबिक रिजल्ट घोषित कर सकता है। यदि हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की जाती है, तो उस पर भी अवकाश के तुरंत बाद सुनवाई हो सकती है।
आयोग यह सूचना दे सकता है कि अब तक जो भी रिजल्ट घोषित किया गया है, वह सामाजिक-आर्थिक मापदंड के अंकों के बिना जारी किया गया है। यदि हाईकोर्ट के फैसले में यह तथ्य दर्ज है तो भी आयोग सामाजिक-आर्थिक मापदंड के बिना भी रिजल्ट जारी कर सकता है। ऐसे में सरकार और आयोग तीनों विकल्पों में से कौन सा ऑप्शन चुनना है, इस पर अपना फैसला लेंगे। इस फैसले पर राज्य के सभी बेरोजगार युवाओं की नजर है।