Haryana water Crisis : हरियाणा में गहराया जल संकट, इन 19 जिलों में हुआ बूरा हाल

Parvesh Mailk
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Water crisis deepens in Haryana, condition is bad in these 19 districts

Haryana water Crisis : भारत सहित पूरी दुनिया में क्लाईमेट तेजी से चेंज आ रहा है। जिसका असर प्राकृतिक गतिविधियों पड़ता हुआ साफ दिख रहा है। क्लाइमेट चेंज का अनुभव लगातर मौसमों में परिवर्तन के तहत किया जा सकता है। विशेषकर भारत की बात करें तो यहां क्लाइमेंट चेंज के कारण गर्मी में भीषण तपिश, ठंड में पारा 0 तक पहुंचना, और मानसून में देरी से व बरसात में कमी देखी जा रही है। जिसके वजह से देश के कई भागों में पानी किल्लत महसूस की जा रही है। हालांकि पानी की कमी का कारण कम बरसात होना ही नहीं बल्कि पानी का मनमाने तरीके पानी का उपयोग करना भी है।

 

हरियाणा के इन 19 जिलों में गहराया जल संकट

  • पाठकों को बता दें कि,  हरियाणा के कुछ जिलों में जल संकट (Haryana water Crisis) की स्थिति गंभीर होती जा रही है।
  • सूबे के 19 जिलों के 88 ब्लॉकों को पानी के अत्यधिक दोहन की श्रेणी में रखा गया है।
  • शेष में से 11 ब्लॉक क्रिटिकल श्रेणी में हैं, नौ ब्लॉक सेमी- क्रिटिकल में हैं और केवल 35 सुरक्षित श्रेणी में हैं।
  • जैसा कि भूजल सेल के आंकड़ों से पता चलता है। यह सेल पहले कृषि विभाग का हिस्सा था और अब सिंचाई विभाग से जुड़ा हुआ है।
  • अत्याधिक पानी का दोहन करने वालों में हरियाणा के 19 जिले शामिल हैं।
  • कुरुक्षेत्र, कैथल जिले के सर्वाधिक 7-7 ब्लॉकों में पानी  का अधिक दोहन होता है।
  • इसके अतिरिक्त हिसार और मेवात में सबसे कम पानी का दोहन होता है।
  • इन जिलों के क्रमशः 1 व 2 ब्लॉक ही पानी का दोहन करते हैं। इस लिस्ट में सिरसा, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी के 6-6 ब्लॉक शामिल हैं।
  • सोनीपत, गुरुग्राम, यमुनानगर, और जींद के 5-5 ब्लॉक शामिल हैं। फरीदाबाद, भिवानी के 4-4 व अम्बाला के 3 ब्लॉक शामिल हैं। चरखी दादरी के 2 ब्लॉक शामिल हैं।
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अत्याधिक दोहन की श्रेणी में

  • अधिकारियों के मुताबिक, यदि भूजल निकासी 70 प्रतिशत तक है, तो इसे सुरक्षित माना जाता है।
  • वहीं, 70 से 90 प्रतिशत के बीच निकासी अर्ध- महत्वपूर्ण (सेमी-क्रिटिकल) की श्रेणी में आती है।
  • 90 प्रतिशत से 100 प्रतिशत क्रिटिकल है और 100 प्रतिशत से ऊपर भूजल निकासी अत्याधिक दोहन की श्रेणी में आती है।

 

क्रिटिकल श्रेणी में 7 ब्लॉक

  • बता दें कि, करनाल जिले के 8 ब्लॉकों में से सात को अतिदोहन की श्रेणी में हैं।
  • आंकड़ों के अनुसार, इंद्री ब्लॉक को छोड़कर, शेष 7 ब्लॉक असंध, करनाल, घरौंडा, मुनक, निसिंग, नीलोखेड़ी और कुंजपुरा में भूजल का सर्वाधिक दोहन हो रहा है।
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मेरा नाम प्रवेश है, मैने पिछले साल जनवरी 2023 में मास्टर ऑफ आर्ट जर्नलिजम मासकॉम किया है, तभी से क्लिनबोल्ड से कंटेंट राइटर के तौर से जुड़ा हुआ हूं। इससे पहले पंजाब केसरी में दो महिने कंटेट राइटर का कार्य किया हैं। इसके अतिरिक्त लेखक के तौर पर सामाजिक आर्टिकल और काव्य- संग्रह में भी सक्रिय रहता हूँ।