Sunil jaglan : सेल्फी विद डाटर अभियान फेम और जींद के गांव बीबीपुर के पूर्व सरपंच सुनील जागलान इस 26 जनवरी को दिल्ली में होने वाले गणतंत्र दिवस पर बतौर अतिथि शामिल होंगे। इसके लिए उन्हें केन्द्रीय गृह मंत्रालय की ओर से भेजा गया निमंत्रण मिल चुका है। इससे पहले सुनील जागलान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम के सौवें एपिसोड में सम्मानित अतिथि बन चुके हैं।
बीबीपुर के पूर्व सरपंच सुनील जागलान का सेल्फी विद डाटर अभियान देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काफी धूम मचा चुका है। पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर कई दिजगज नेता उनके अभियान की तारीफ कर चुके हैं। सुनील जागलान द्वारा यह अभियान 9 जून, 2015 को गांव बीबीपुर से शुरू किया गया था। सेल्फी विद डॉटर अभियान शुरू होने के चंद दिनों बाद ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में 28 जून, 2015 को इस अभियान का जिक्र किया।
पानीपत की धरती से बेटी बचाओ-बेटी बचाओ अभियान की घोषणा करने वाले प्रधानमंत्री मोदी सेल्फी विद डॉटर अभियान से किस कद्र प्रभावित हैं, उसका अंदाजा इसी बात से लग जाता है कि वे मन की बात कार्यक्रम में 8 बार इस अभियान को प्रचारित कर चुके हैं। सुनील जागलान का कहना है कि गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में बतौर अतिथि निमंत्रण मिलना पूरे जिले व प्रदेश के लिए गौरव की बात है। उन्होंने बताया कि वे गृह मंत्रालय द्वारा 24 जनवरी से 28 जनवरी तक विशेष कार्यक्रम का हिस्सा रहेंगे।
सुनील जागलान (sunil jaglan) ने बताया कि प्रधानमंत्री जब 13 नवम्बर, 2015 को इंगलैंड के वेंबले सिटी में गए तो उन्होंने वहां बसे भारतीयों से रूबरू होते हुए हरियाणा तथा सेल्फी विद डॉटर अभियान का जिक्र करके इससे जुडऩे का आह्वान किया था। इसके बाद 27 नवम्बर, 2015 को सिलिकान वैली अमेरिका में दिए गए भाषण के दौरान भी बीबीपुर से शुरू हुए अभियान का जिक्र किया।
सुनील जागलान (sunil jaglan) ने बेटी बचाओ से लेकर सेल्फी विद डॉटर, बेटियों के नाम नेमप्लेट, पिरियड चार्ट, लाडो पंचायत , लाडो गो ऑनलाइन, लड़कियों की शादी की उम्र 21 करने के लिए सैकड़ों अभियान शुरू किए हैं जो देश विदेशों में प्रशंसा पाने के अलावा देश भर में लोगों द्वारा बहुत पंसद किए जा रहे हैं । सुनील जागलान को दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है। सुनील जागलान पर बनीं डॉक्यूमेंटरी फिल्म सनराइज को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है तथा सयुंक्त राष्ट्र द्वारा इस फिल्म को विश्व के 73 देशों में दिखाया जा रहा है।