एफआईआर को लेकर 1 जुलाई को लागू हो रहे नए कानून, जानिए क्या-क्या हुआ परिवर्तन

देशभर में 1 जुलाई 2024 से तीन नए आपराधिक कानून लागू होने जा रहे हैं। नए आपराधिक कानून के मुताबिक अब किसी इलाके में घटित घटना की प्राथमिकी किसी भी थाना में दर्ज कराई जा सकेगी।

जीरो एफआईआर को सीसीटीएनएस के माध्यम से संबंधित थाने में स्थानांतरित किया जाएगा। इसके बाद प्राथमिकी की संख्या दर्ज की जाएगी। जांच और कार्रवाई की प्रगति को एफआईआर नंबर के माध्यम से ऑनलाइन देखा जा सकेगा।

पटना के कुलपति प्रो. (डॉ) फैजान मुस्तफा ने कहा कि तीन नए प्रमुख कानूनों का मकसद सजा देने की बजाय न्याय देना है। उन्होंने कहा कि आपराधिक कानूनों में कई प्रावधानों से मानवीय पक्ष सामने आएगा।

नए कानून के मुताबिक, पुलिस थाने मे पहुंचे पीड़ित की शिकायत आधे घंटे के अंदर ही सुनी जाएगी। यदि ज्यादा देर तक उसे इंतजार करवाया गया, तो होगी कड़ी कार्रवाई।

एफआईआर से लेकर कोर्ट के फैसले तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। इलेक्ट्रॉनिक तरीके से शिकायत दायर करने के तीन दिन के अंदर ही एफआईआर दर्ज करने का प्रावधान है।

सात साल से अधिक सजा वाले मामलों मे फॉरेसिंक जांच अनिवार्य है। यौन उत्पीड़न के मामलों में सात दिन के अंदर ही जांच की रिपोर्ट देनी होगी।

पहली सुनवाई के 60 दिनों के अंदर ही आरोप तय करने का प्रावधान है। आपराधिक मामलों में सुनवाई पूरी होने के 45 दिनों में फैसला होगा।

भगोड़े अपराधियों की गैर-मौजदूगी के मामलों में 90 दिनों के अंदर केस दायर करने का प्रावधान है।

इस तरह नए कानूनों के तहत पीड़ितों को तीन साल के अंदर ही न्याय मिल सकेगा।

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