Farmer protest again : केंद्र सरकार से अपनी मांगों को मनवाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा 26 जनवरी को देशभर में ट्रैक्टर मार्च निकालेगा। किसान संगठन यह मार्च दिल्ली में नहीं, बल्कि देश के 500 जिलों में निकालेंगे।
यह घोषणा देश भगत यादगार हाल में मोर्चा के राष्ट्रीय सम्मेलन की गई। मोर्चा की मांग है कि फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सुनिश्चित किया जाए। कृषि आधारित उद्योग किसान एवं सहकारी संस्थाओं के माध्यम से चलाए जाएं। किसान परिवारों को 10 हजार रुपये महीना पेंशन मिले।
कृषि में निजीकरण और कारपोरेट सेक्टर के दखल को रोका जाए। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ की बर्खास्तगी हो। (Farmer protest again) मजदूरों को न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपये महीना मिले।
यह ट्रैक्टर मार्च किसान संगठनों को एकजुट करने की कवायद है। भाकियू (राजेवाल) सहित पांच किसान संगठनों ने 18 जनवरी को चंडीगढ़ में पक्का मोर्चा लगाने की घोषणा की थी। उन्होंने दो दिन पहले ही उक्त आह्वान को वापस ले लिया है। साथ ही, एक बार फिर संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले एकजुट होने के संकेत दिए हैं।
भाकियू के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल ने मार्च में शामिल होने की घोषणा की है। राजेवाल ने इससे पहले चंडीगढ़ में भूजल, नदियों के जल विवाद, सभी फसलों पर एमएसपी की गारंटी और संघीय ढांचे को कमजोर करने के खिलाफ पक्का मोर्चा लगाने की घोषणा की थी। अब उन्होंने कहा है कि किसानों की सभी मांगें एक जैसी हैं। ऐसे में लड़ाई संयुक्त तौर पर लड़ने की जरूरत है। जालंधर में सम्मेलन में 15 राज्यों से किसान संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
उल्लेखनीय है कि तीन कृषि सुधार कानूनों को रद करवाने के बाद किसानों में वर्ष 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में उतरने को लेकर मतभेद पैदा हो गए थे और वे दोफाड़ हो गए थे। राजेवाल की अगुआई में कुछ किसान संगठन चुनावी मैदान में उतर गए तो कुछ ने चुनाव से अपने आप को एकदम अलग कर लिया था। चुनाव में किसान संगठनों के सभी उम्मीदवारों की जमानतें जब्त हो गई थीं।