Amritsar-Jamnagar Expressway: देशभर में सड़क नेटवर्क को और मजबूत करने की दिशा में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर काम जारी है। इनमें से एक महत्वपूर्ण परियोजना है अमृतसर- जामनगर एक्सप्रेस-वे, जो 2025 में शुरू होने की पूरी संभावना है। इस एक्सप्रेस-वे के बनने से न केवल यात्रा का समय कम होगा।
अमृतसर- जामनगर एक्सप्रेस-वे
अमृतसर- जामनगर एक्सप्रेस-वे देश का दूसरा सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे होगा, जिसकी कुल लंबाई 1316 किलोमीटर होगी। इसकी तुलना में दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेस-वे की लंबाई 1350 किलोमीटर है। यह एक्सप्रेस-वे देश के विभिन्न हिस्सों को जोड़ते हुए यात्रा को तेज और सुविधाजनक बनाएगा।
26 घंटे का सफर 13 घंटे में होगा पूरा
अमृतसर से जामनगर की दूरी वर्तमान में 1516 किलोमीटर है, जिसे तय करने में लगभग 26 घंटे लगते हैं। लेकिन इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण के बाद यह दूरी 216 किलोमीटर कम हो जाएगी और यह सफर केवल 13 घंटे में पूरा किया जा सकेगा। एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की गति 100 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की जाएगी, जिसके कारण यात्रा में समय की बचत होगी और लोग आसानी से अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।
अमृतसर- जामनगर एक्सप्रेस-वे राजस्थान और हरियाणा के सैकड़ों किलोमीटर के रेगिस्तानी इलाकों से होकर गुजरेगा। यह एक्सप्रेस-वे पंजाब, राजस्थान, हरियाणा और गुजरात के महत्वपूर्ण शहरों और गांवों से होकर जाएगा।
एक्सप्रेसवे का रूट
पंजाब में भटिंडा, मोगा व राजस्थान में हनुमानगढ़, सूरतगढ़, बीकानेर, नागौर, जोधपुर, बाड़मेर इसके बाद यह जामनगर पहुंचेगा। इसके अलावा, इस एक्सप्रेस-वे को दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे से भी जोड़ा जाएगा, जिससे दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के बीच यात्रा करना और भी आसान हो जाएगा।
औद्योगिक कनेक्टिविटी
अमृतसर- जामनगर एक्सप्रेस-वे से पंजाब, हरियाणा और गुजरात के औद्योगिक शहरों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ेगी। इससे इन राज्यों के बीच व्यापार और वाणिज्यिक गतिविधियों में वृद्धि होगी, जिससे क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। एक्सप्रेस-वे के निर्माण से हरियाणा और पंजाब के औद्योगिक शहर सीधे गुजरात के औद्योगिक शहरों से जुड़ जाएंगे, जिससे माल की आवाजाही तेज होगी और उद्योगों को लाभ मिलेगा।