Bank News : लोकसभा में मंगलवार को बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक-2024 ध्वनिमत से पारित हो गया। यह विधेयक बैंकिंग क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण सुधारों का प्रस्ताव करता है, जिससे ग्राहकों और निवेशकों के हित सुरक्षित होंगे। इस विधेयक के पारित होने से न केवल बैंकिंग के नियमों में सुधार होगा, बल्कि ग्राहकों को भी नए अधिकार प्राप्त होंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस विधेयक को लोकसभा में पेश करते हुए कहा कि इससे भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में मजबूती आएगी और इससे जुड़े शासन मानकों में सुधार होगा। यह विधेयक भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम-1934, बैंकिंग विनियमन अधिनियम-1949, और भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम-1955 में कुल 19 संशोधनों का प्रस्ताव करता है।
इस विधेयक के तहत अब प्रत्येक बैंक खाते में चार नॉमिनी जोड़ने का अधिकार मिलेगा, जबकि पहले यह संख्या एक थी। इससे खाताधारकों को सुरक्षा और सुविधा मिलेगी, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जिनके कई परिजनों और नॉमिनीज हैं।
बिना दावे वाली राशि का निपटारा
विधेयक में यह प्रावधान है कि बिना दावे वाली डिविडेंड, शेयर और बांड के ब्याज या रिडेम्पशन आय को अब निवेशक शिक्षा और संरक्षण कोष में स्थानांतरित किया जाएगा। इसका उद्देश्य निवेशकों के हितों की रक्षा करना और उन्हें ट्रांसफर तथा रिफंड के लिए सुविधा प्रदान करना है।
पर्याप्त ब्याज की परिभाषा में संशोधन
व्यक्तिगत निवेशकों के लिए पर्याप्त ब्याज की सीमा को 1968 में निर्धारित पांच लाख रुपये से बढ़ाकर अब 2 करोड़ रुपये कर दिया जाएगा। इससे निवेशकों को और अधिक लाभ मिलेगा।
विधेयक पर चर्चा के दौरान, भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से जुड़ी एक घटना का जिक्र किया, जिस पर विपक्ष ने विरोध किया। इसके अलावा, कुछ विपक्षी सांसदों ने वित्त मंत्री की हिंदी को लेकर सवाल उठाए, जिसे निर्मला सीतारमण ने सख्ती से खारिज किया और कहा कि “आप मुझ पर हिंदी नहीं थोप सकते हैं।”