Delhi News: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कारण निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध के बीच, आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री आतिशी ने घोषणा की है कि दिल्ली में लगभग 90 हजार पंजीकृत निर्माण मजदूरों को 8 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। यह निर्णय उन मजदूरों के लिए है, जो निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध के चलते आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।
दिल्ली सरकार ने यह आर्थिक सहायता उन मजदूरों के लिए निर्धारित की है, जो निर्माण कार्यों से जुड़ी गतिविधियों में लगे हुए थे और प्रदूषण रोकथाम के कारण प्रभावित हुए हैं। 18 नवंबर से दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लागू किया गया था, जिसके कारण मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा है। इस फैसले से लगभग 90,759 पंजीकृत मजदूरों को सीधा लाभ होगा, जिन्हें आर्थिक सहायता मिलेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने 5 दिसंबर को दिल्ली और एनसीआर के राज्यों के मुख्य सचिवों से यह सवाल पूछा था कि क्या निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध के कारण प्रभावित होने वाले मजदूरों को गुजारा भत्ता दिया गया है या नहीं। इसके बाद, दिल्ली सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और मजदूरों के लिए 8 हजार रुपये का गुजारा भत्ता देने की घोषणा की।
मजदूरों के सत्यापन के लिए एक ऑनलाइन वेब पोर्टल तैयार किया गया है, जहां वे अपनी जानकारी सरकार के पास दर्ज करा सकते हैं। पंजीकृत मजदूरों के सत्यापन के बाद उनकी जानकारी सरकार से जुड़े पोर्टल पर उपलब्ध कराई जाएगी। सत्यापन के बाद ही उनकी मदद जारी की जाएगी। आर्थिक मदद का भुगतान सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में आधार के माध्यम से किया जाएगा।
श्रमिक कल्याण बोर्ड के अधिकारियों ने कहा है कि जब लाभार्थियों का वेरिफिकेशन हो जाएगा, तब उन्हें 8 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। इस काम के लिए बोर्ड ने 25 नवंबर को एक कट-ऑफ डेट तय की थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया था। बोर्ड का कहना है कि लाभार्थियों को उनके आधार से जुड़े बैंक खाते में सीधे पैसे ट्रांसफर किए जाएंगे।