Government Scheme: मुख्यमंत्री लघु उद्यमी योजना (Bihar Mukhyamantri Laghu Udyami Yojana) बिहार राज्य में छोटे और मझोले उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना का उद्देश्य ऐसे लोगों को वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करना है, जो अपनी छोटी-सी उद्यमिता शुरू करना चाहते हैं। खासकर उन परिवारों को जो आर्थिक रूप से पिछड़े हुए हैं और जिनकी मासिक आय 6,000 रुपये से कम है।
मुख्यमंत्री लघु उद्यमी योजना के तहत लाभ
यह योजना राज्य के उन व्यक्तियों के लिए है, जो छोटे कारोबार, हैंडीक्राफ्ट या अन्य लघु उद्योगों में रुचि रखते हैं। इस योजना के तहत, योग्य लाभार्थियों को 2 लाख रुपये की वित्तीय सहायता तीन किस्तों में दी जाती है।
पहली किस्त
योजना के तहत चयनित लाभार्थियों को 25% राशि (50,000 रुपये) पहली किस्त के रूप में दी जाती है। यह राशि व्यापार को शुरू करने के लिए प्रारंभिक निवेश के रूप में होती है।
दूसरी किस्त
दूसरी किस्त के तहत लाभार्थियों को 1 लाख रुपये की राशि दी जाती है। यह राशि पहले चरण में शुरू किए गए उद्यम को बढ़ाने और उसे स्थिर बनाने के लिए होती है।
तीसरी किस्त
तीसरी किस्त में शेष 25% (50,000 रुपये) दी जाती है, ताकि उद्यमी अपने व्यापार को और बढ़ा सकें।
चयनित लाभार्थियों को मिलने वाली सुविधा
लाभार्थियों को जिलास्तरीय डीआरसीसी (District Rural Self Employment Center) में प्रशिक्षण भी दिया जाता है, ताकि वे व्यापार के लिए आवश्यक कौशल और तकनीकी जानकारी प्राप्त कर सकें। यह योजना विशेष रूप से उन परिवारों के लिए है जिनकी मासिक आय 6,000 रुपये से कम है, जिससे वे अपनी आजीविका के लिए एक स्थिर आय स्रोत बना सकें।
मुख्यमंत्री लघु उद्यमी योजना के तहत, जो लोग पहली किस्त प्राप्त कर चुके हैं, उनसे उपयोगिता प्रमाण पत्र (Utilization Certificate) मांगा जाता है। इस प्रमाण पत्र के माध्यम से यह जांचा जाता है कि लाभार्थी ने पहले प्राप्त राशि का सही तरीके से उपयोग किया या नहीं। यदि कोई लाभार्थी प्रमाण पत्र नहीं जमा करता है, तो उसके नाम पर दूसरी किस्त की प्रक्रिया शुरू नहीं की जाती है।