Metro: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मेट्रो प्रणाली का चौथा चरण और भी बेहतर होने जा रहा है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) के तहत इस चरण में 40 किलोमीटर से ज्यादा लंबा भूमिगत कॉरिडोर बनाने की योजना है, जो दिल्ली के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने के साथ-साथ यातायात को और भी सुगम बनाएगा। इस विस्तार में 27 भूमिगत स्टेशन भी बनाए जाएंगे, जो दिल्ली मेट्रो के नेटवर्क को और व्यापक बनाएंगे।
DMRC के अधिकारियों ने बताया कि चौथे चरण के तहत 5 अलग-अलग गलियारों में लगभग 86 किलोमीटर नया कॉरिडोर विकसित किया जाएगा। इनमें से अधिकांश कॉरिडोर भूमिगत होंगे, जिनमें से 40 किलोमीटर का हिस्सा पूरी तरह से अंडरग्राउंड होगा। यह निर्माण कई व्यस्त और घनी आबादी वाले क्षेत्रों से होकर जाएगा, जिसमें सदर बाजार, नबी करीम, महरौली-बदरपुर रोड, अजमल खान पार्क और नई दिल्ली जैसी प्रमुख जगहें शामिल हैं।
दिल्ली मेट्रो में आम तौर पर भूमिगत स्टेशन बनाने के लिए पारंपरिक कट-एंड-कवर तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, सुरंगों के निर्माण के लिए टनल बोरिंग मशीन (TBM) का सहारा लिया जाता है। TBM शहरी इलाकों में सुरंग बनाने में बेहद कारगर साबित होती है, क्योंकि यह जमीन के नीचे बिना किसी बड़ी समस्या के लंबी सुरंगों का निर्माण कर सकती है। इस समय, चौथे चरण के लिए 7 टनलिंग ड्राइव पूरी हो चुकी हैं, और 9 ड्राइव अभी भी प्रगति पर हैं। इसका मतलब है कि DMRC ने पहले ही इस प्रोजेक्ट के लिए कई सुरंगों का निर्माण प्रारंभ कर दिया है।
DMRC इस परियोजना पर बारीकी से नजर रखे हुए है। सुरंगों और भूमिगत कॉरिडोर के निर्माण के दौरान ऊपर की इमारतों की स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जाएगी। इसके लिए जरूरी उपकरणों का भी इंस्टॉलेशन किया गया है, ताकि किसी भी संभावित समस्या का तत्काल समाधान किया जा सके। यह सुनिश्चित करने के लिए कि इन परियोजनाओं का निर्माण सुरक्षित तरीके से हो, DMRC सभी तकनीकी उपायों को लागू कर रहा है।