Delhi: राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनावों से पहले पुलिस प्रशासन में बड़े बदलाव किए गए हैं। दिल्ली पुलिस ने एसीपी (ACP) से लेकर एसएचओ (SHO) स्तर तक के कई अधिकारियों का तबादला किया है। यह कदम दिल्ली में हाल ही में हुई हत्याओं और बढ़ती आपराधिक घटनाओं के मद्देनजर उठाया गया है, जिसके बाद गृह मंत्रालय भी इस पर सक्रिय हुआ है।
16 एसीपी और 30 एसएचओ का तबादला
दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा के ऑफिस से जारी आदेश के मुताबिक, कुल 16 एसीपी रैंक के अधिकारियों का तबादला किया गया है। इसके अलावा, 30 एसएचओ स्तर के अधिकारियों को नए पदों पर तैनात किया गया है। यह बड़े पैमाने पर किया गया बदलाव राजधानी में बढ़ते अपराधों को रोकने और पुलिस प्रशासन को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।
दिल्ली में कानून व्यवस्था को लेकर विवाद
दिल्ली में इस समय कानून व्यवस्था को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच तनातनी जारी है। आम आदमी पार्टी, केंद्र सरकार और खासकर गृहमंत्री अमित शाह पर आरोप लगा रही है कि दिल्ली पुलिस के कामकाज में दखलअंदाजी की जा रही है। AAP का कहना है कि दिल्ली पुलिस की कार्यशैली के कारण राजधानी में अपराधों का ग्राफ बढ़ रहा है।
बीजेपी ने इन आरोपों का खंडन किया है और दिल्ली पुलिस को पूर्ण स्वायत्तता देने की बात की है। वहीं, गृह मंत्रालय ने भी इस मामले में सक्रियता दिखाई है और पुलिस प्रशासन को बेहतर बनाने के लिए जरूरी कदम उठाने की बात कही है।
पुलिस प्रशासन में बदलाव का उद्देश्य
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का तबादला विधानसभा चुनावों से पहले महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य अपराधों पर काबू पाना और चुनावी माहौल को शांतिपूर्ण बनाना है। चुनावी प्रक्रिया में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन में रणनीतिक बदलाव जरूरी होते हैं ताकि किसी भी प्रकार की आपराधिक गतिविधियों को तुरंत नियंत्रित किया जा सके।