8th Pay Commission: केंद्र सरकार के कर्मचारियों और सशस्त्र बलों के लिए आठवें वेतन आयोग का गठन एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है, और इसे लेकर संसद में लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। सांसदों द्वारा पूछे गए सवालों में मुख्य रूप से यह पूछा गया कि आठवें केंद्रीय वेतन आयोग का गठन क्यों नहीं किया गया, जबकि सातवां वेतन आयोग गठित हुए 10 साल से अधिक का समय हो चुका है। इसके अलावा, यह भी सवाल किया गया कि क्या सरकार इस मुद्दे पर विचार कर रही है और यदि हां, तो इसका गठन कब किया जाएगा।
इस सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने साफ किया कि फिलहाल केंद्र सरकार के पास आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में सरकारी कर्मचारियों के वेतनमान में कोई बदलाव करने की कोई योजना नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में अभूतपूर्व मूल्य वृद्धि और जीवनयापन की लागत में भारी बढ़ोतरी हुई है। इससे कर्मचारियों के वास्तविक वेतन में कमी आई है, और उन्हें अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए वेतन वृद्धि की आवश्यकता महसूस हो रही है।
सातवें केंद्रीय वेतन आयोग का गठन फरवरी 2014 में हुआ था, लेकिन अब तक आठवें वेतन आयोग के गठन पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। यह कर्मचारियों के बीच गहरी निराशा और आक्रोश का कारण बन रहा है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार, सरकारी कामकाज, प्रदर्शन, और भारतीय अर्थव्यवस्था में काफी बदलाव हुआ है। खासकर मुद्रास्फीति के कारण वास्तविक वेतन में कमी आई है, जिसे ठीक करने के लिए नए वेतन आयोग की आवश्यकता है।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि आठवें वेतन आयोग के गठन का अभी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। इस स्थिति से लगभग 48 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारी और 65 लाख पेंशनधारी प्रभावित हैं। कर्मचारियों और उनके संगठनों ने सरकार से कई बार आठवें वेतन आयोग के गठन की मांग की है। कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स (CGEW) और भारतीय रेलवे टेक्निकल सुपरवाइजर एसोसिएशन (IRTS) जैसे संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि सरकार इस मुद्दे पर शीघ्र निर्णय ले।
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में यह स्पष्ट किया कि वर्तमान में डीए (Dearness Allowance) की दर 53 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जो कर्मचारियों के लिए किसी राहत से कम नहीं है। लेकिन यह भी सही है कि मुद्रास्फीति और जीवनयापन की बढ़ती लागत के कारण कर्मचारियों को अधिक वेतन की उम्मीदें हैं। सरकार ने यह भी कहा है कि आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए वेतन आयोग का गठन एक समयबद्ध प्रक्रिया हो सकती है, लेकिन फिलहाल इस पर विचार नहीं किया जा रहा है।
भारत पेंशनर समाज (BPS): बीपीएस ने भी 68वीं एजीएम (Annual General Meeting) के दौरान यह प्रस्ताव पास किया कि सरकार आठवें वेतन आयोग का गठन तुरंत करें। इंडियन रेलवे टेक्निकल सुपरवाइजर एसोसिएशन ने पूर्व वेतन आयोगों की सिफारिशों का हवाला देते हुए सरकार से आठवें वेतन आयोग का गठन शीघ्र करने की मांग की।