Breaking News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संविधान पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए विपक्षी नेताओं को करारा जवाब दिया। उन्होंने खासकर राजनीति में परिवारवाद पर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया और इस मुद्दे पर खुलकर अपनी राय दी। पीएम मोदी का कहना था कि देश में परिवारवाद ने राजनीति के लोकतांत्रिक ढांचे को गंभीर नुकसान पहुंचाया है।
पीएम मोदी ने कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं पर तीखा हमला करते हुए कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी तक का परिवार राजनीति में कुनीति और कुविचार की परंपरा को आगे बढ़ाता रहा है। पीएम मोदी ने इस पर विचार व्यक्त करते हुए कहा, “कांग्रेस की सरकार और खासकर एक परिवार ने संविधान को चोट पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।” उन्होंने यह भी कहा कि पिछड़ों और उपेक्षित वर्गों के लिए संविधान ने अवसर प्रदान किए, लेकिन कांग्रेस ने इसे बार-बार नजरअंदाज किया और अपनी पार्टी और परिवार को ही प्राथमिकता दी।
पीएम मोदी ने राजनीति में परिवारवाद के खात्मे की अपनी योजना का भी खुलासा किया। उन्होंने कहा, “मेरा लक्ष्य है कि मैं राजनीति में एक लाख नए लोगों को लाऊं।” यह नए लोग ऐसे होंगे जिनका किसी भी राजनीतिक परिवार से कोई संबंध नहीं होगा। पीएम मोदी ने युवाओं को राजनीति में लाने का जोरदार समर्थन किया और कहा कि देश को “नई ऊर्जा” की आवश्यकता है।
हालांकि, पीएम मोदी ने इस दौरान एक शर्त भी रखी। उन्होंने कहा, “युवाओं को राजनीति में लाने से पहले यह तय करना होगा कि देश में संविधान का पालन करने वाले योग्य लोग राजनीति में आ सकते हैं या नहीं।” उनका मानना था कि राजनीति में योग्य लोगों को स्थान मिलना चाहिए, चाहे उनका परिवार राजनीति से जुड़ा हो या नहीं।
पीएम मोदी ने अपनी बात समाप्त करते हुए कहा कि आने वाले दशक में देश के लोकतंत्र और राजनीति की दिशा को लेकर एक बड़ा फैसला लिया जाना चाहिए। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे युवा, उत्साही और सक्षम व्यक्तियों को राजनीति में अवसर देने के लिए कदम उठाएं, ताकि देश का लोकतंत्र मजबूत हो सके और परिवारवाद का असर कम हो सके।