जींद। दशरथ मांझी ने 22 साल तक संघर्ष करते हुए पहाड़ काटकर रास्ता बनाया था। उनका संघर्ष हर किसी को याद है। ठीक उसी तरह जींद जिले के गांव शामलो कलां निवासी रामचंद्र आर्य का संघर्ष भी दशरथ मांझी से कम नहीं है।
रामचंद्र आर्य ने राजा की गोहर वाली 25 किलोमीटर लंबी सड़क बनवाने की खातिर 19 साल तक संघर्ष किया। पहले चौटाला सरकार, उसके बाद भूपेंद्र हुड्डा सरकार और फिर मनोहर लाल सरकार में लगातार चंडीगढ़ सीएम हाऊस के चक्कर लगाए, चिट्ठियां लिखी, पत्राचार किया। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और अब राजा की गोहर वाले कच्चे रास्ते की जगह पक्की सड़क बन गई है। इस सड़क के बनने के बाद जींद जिले का सीधे दक्षिण हरियाणा के साथ जुड़ाव हो गया है। जींद से चरखी दादरी के बीच का फासला कम हो गया है।
जींद के चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय के पास से गुजर रही राजा वाली पुरानी गोहर को कभी जींद रियासत के राजा जींद से किलाजफरगढ़ और उससे आगे चरखी दादरी तक जाने के लिए इस्तेमाल करते थे। इसी कारण इस कच्चे रास्ते का नाम राजा वाली गोहर पड़ा। राजा वाली गोहर पर कच्चे रास्ते की जगह पक्की सड़क के निर्माण के लिए शामलो कलां तीन तपा के प्रधान रामचंद्र आर्य ने 19 साल पहले लड़ाई शुरू की थी। तब प्रदेश में ओमप्रकाश चौटाला के नेतृत्व में इनेलो की सरकार थी। फाइल उसी समय शुरू हुई थी।
रामचंद्र आर्य ने इस दौरान ओमप्रकाश चौटाला, उसके बाद 10 साल तक भूपेंद्र हुड्डा और इसके बाद 8 साल तक मनोहर लाल के मुख्यमंत्री काल में अपनी मुहिम लगातार जारी रखी। साल 2018-19 में इस योजना को सीएम अनाऊंसमेंट भी शामिल किया गया। इसक बाद इस पर तेजी से काम शुरू हुआ और अब 19 करोड़ रुपये की राशि से यह सड़क बनकर तैयार हो गई है।
दो बार प्रधानमंत्री को भेजे पत्र
रामचंद्र आर्य ( Haryana news) ने अकेले ही इस सड़क को बनवाने की खातिर मुहिम शुरू की थी। लोगों को उम्मीद नहीं थी कि अकेले आदमी द्वारा शुरू की गई यह मुहिम एक दिन हजारों लोगों के लिए सुविधाजनक साबित होगी। रामचंद्र आर्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक को पत्र लिखे। पीएम मोदी को पहला पत्र 25 नवम्बर, 2020 को भेजा था। दूसरा पत्र 3 मार्च, 2021 को भेजा। जब सड़क निर्माण की सरकार की तरफ से घोषणा हो गई तो इस लड़ाई में उनका जींद और जुलाना हलके की महापंचायतों, किनाना, शामलो कलां और नंदगढ़ तपा के प्रधानों ने पूरा सहयोग दिया।
जींद के 12 गांवों से होकर गुजर रही है 18 फुट चौड़ी यह सड़क
राजा की गोहर की जगह लोक निर्माण विभाग द्वारा जो पक्की सड़क बनी है, वह 18 फुट चौड़ी बनी है। जींद की सीआरएसयू के पास से शुरू होकर किशनपुरा, बिरौली, शामलोखुर्द, खिमाखेड़ी, शामलो कलां, फतेहगढ़, लिजवाना खुर्द, लिजवाना कलां व हथवाला गांव से होकर किलाजफरगढ़ गांव में बैंसी को जाने वाली सड़क में जाकर मिली है। आगे यह सड़क महम से होकर सीधे चरखी दादरी तक जा रही है। इस सड़क के निर्माण पर 19 करोड़ रुपये के करीब राशि खर्च हुई है।