AC buses in jind dipo : डिपो ने भेजी थी पांच बसों की डिमांड, मुख्यालय ने कहा कम से कम 10 रूटों का भेजना होगा प्लान
AC buses in jind dipo : जींद : रोडवेज के ज्यादातर डिपो में एसी यानि वातानुकूलित बसें शामिल हो चुकी हैं लेकिन जींद डिपो द्वारा एसी बसों की डिमांड भेजने के बाद भी अभी तक एक भी एसी बस नहीं मिल पाई है। गर्मी के सीजन को देखते हुए यात्रियों की मांग है कि जींद से दिल्ली, चंडीगढ़, हरिद्वार, सालासर, खाटूश्याम, पटियाला जैसे लंबे रूटों पर एसी बसें चलाई जाएं, ताकि यात्री लू और गर्मी से बचते हुए आरामदायक सफर कर सकें।
रोडवेज के हिसार, सोनीपत, रोहतक, करनाल, अंबाला, चंडीगढ़, दिल्ली, पंचकूला, सिरसा समेत कई डिपो में एसी बसें चल रही हैं। भीष्ण गर्मी के दौरान बसों में यात्रियों की संख्या बढ़ती है तो चक्कर आना, लू लगना, उल्टी लगने जैसी दिक्कतें यात्रियों को हो जाती हैं। इसके चलते यात्रियों की मांग थी कि लंबे रूटों पर एसी बसें चलाई जाएं, ताकि यात्री आराम से सफर कर सकें। इसके बाद अप्रैल 2023 में परिवहन विभाग ने सभी डिपो से एसी बसों की (AC buses in jind dipo) डिमांड मांगी। मई में डिपो को एसी बसें अलाट करनी शुरू कर दी।
जींद डिपो (Jind dipot)ने भी पांच एसी बसों की डिमांड मुख्यालय भेजी थी। इस पर मुख्यालय ने जवाब दिया कि कम से कम 10 रूटों पर एसी बसें चलाने का प्लान तैयार किया जाए, इसके बाद ही बसें भेजी जाएंगी। इस कारण डिपो को उस समय एसी बसें नहीं मिल पाई। फिलहाल जींद डिपो में 200 के करीब सामान्य बसें हैं, जिनमें हर रोज 17 हजार से ज्यादा यात्री विभिन्न रूटों पर सफर करते हैं। इससे डिपो को रोजाना 12 लाख रुपये के करीब आमदनी होती है।
इन रूटों पर एसी बसें (AC buses in jind dipo) चलाने की मांग
जींद डिपाे को अगर एसी बसें मिल जाती हैं तो लंबे रूटों पर इन बसों को चलाने की प्राथमिकता रहेगी। हालांकि यात्रियों की डिमांड है कि जींद से हरिद्वार, चंडीगढ़, पंचकूला, दिल्ली, गुरुग्राम, सालासर, पटियाला, नारनौल, पांवटासाहिब के रूटों पर बसें चलें, क्योंकि ये सफर भी तीन से चार घंटे के हैं और गर्मी में इन रूटों पर यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ती है। अगर बसें वातानुकूलित होंगी तो यात्री आरामदायक सफर कर पाएंगे।
अगले स्लाट में एसी बस (AC buses in jind dipo) आने की उम्मीद
पिछली बार डिपो द्वारा कम एसी बसों की डिमांड मुख्यालय के पास भेजी गई थी, जबकि मुख्यालय द्वारा एसी बस चलाने के लिए कम से कम दस रूट मांगे गए थे। इस कारण जींद डिपो में एसी बस नहीं आ पाई हैं। अब अगले स्लाट में जींद डिपो (Haryana roadways jind) को लगभग दस एसी बसें मिलने की उम्मीद है। इस गर्मी के सीजन में नई एसी बसें आ सकती हैं।
—राहुल जैन, महाप्रबंधक, जींद डिपो।