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Cryptocurrency Market : बिटकॉइन हुआ धड़ाम, रेट सात माह के निचले स्तर पर पहुंचे 

क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में बड़े निवेशकों की निकासी से मुश्किल बढ़ी 
 

क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में निवेश करने वाले लोगों की मुसीबत बढ़ गई है। जहां पर क्रिप्टो करेंसी ने लोगों को रातों रात मोटा मुनाफा दिया था, अब वह गिरावट की तरफ बढ़ रहा है। काफी निवेशक ऐसे है जो क्रिप्टोकरेंसी के चढते समय बाजार में इंट्री कर गए, लेकिन अब उनकी पूंजी काफी कम हो गई है। क्रिप्टोकरेंसी में सबसे ज्यादा गिरावट बिटकॉइन में आई है।

जहां पर बिटकॉइन की वैल्यू मंगलवार को 89,420 डॉलर (79 लाख रुपए) रह गई, जो 7 महीनों का सबसे निचला स्तर है। अक्टूबर में बिटकॉइन 1.26 लाख डॉलर (1.1 करोड़ रुपए) के रिकॉर्ड ऊंचे स्तर पर पहुंच गया था। तब से अब तक इसकी वैल्यू 28.57% घट चुकी है। पिछले एक महीने में बिटकॉइन की वैल्यू 14.4% और एक हफ्ते में 13.5% घट चुकी है। इस बीच क्रिप्टो का कुल मार्केट कैप पिछले 12 महीनों की पूरी बढ़त गंवाकर नवंबर 2024 के स्तर 3.12 लाख करोड़ डॉलर पर आ गया। निवेशकों में दहशत इस कदर है कि 'क्रिप्टो फियर एंड ग्रीड इंडेक्स' 11 पर आकर बाजार में अत्यधिक डर वाले माहौल का संकेत दे रहा है।

 

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प्रॉफिट बुकिंग, क्रिप्टो ईटीएफ में निवेश ठप

क्रिप्टो मार्केट में गिरावट की सबसे बड़ी वजह अमेरिकी स्पॉट बिटकॉइन ईटीएफ से भारी निकासी है। सोसोवैल्यू डेटा के मुताबिक, पिछले तीन हफ्तों में ही 3 अरब डॉलर से ज्यादा की नेट निकासी हो चुकी है। नवंबर में नया निवेश लगभग ठप हो गया। प्रॉफिट बुकिंग ने रफ्तार पकड़ी जब बिटकॉइन 94,000 डॉलर का प्रमुख सपोर्ट स्तर दोबारा हासिल नहीं कर सका। इसके बाद यह 200-दिन के मूविंग एवरेज से नीचे चला गया और अब 50-दिन एमए ने 200-दिन एमए को नीचे क्रॉस कर 'डेथ क्रॉस' का डर पैदा कर दिया है, जो लंबी मंदी का संकेत माना जाता है।

बिटकॉइन ही नहीं, अन्य क्रिप्टोकरेंसी भी टूटी

बिटकॉइन के साथ पूरा मार्केट लाल निशान में है। इथेरियम पिछले सप्ताह 14.2% और महीने में 22% टूटा। इसका मार्केट कैप 2021 के हाई से 34% नीचे 368.6 अरब डॉलर पर आ गया। सोलाना 26%, बीएनबी 15.71%, डॉजकॉइन 17% और एक्सआरपी 7.36% टूट चुके हैं। मंगलवार तक 24 घंटों में ही 1.03 अरब डॉलर का लिक्विडेशन हो चुका है। इसमें बिटकॉइन के 24.5 करोड़ और इथेरियम के 16.8 करोड़ डॉलर शामिल हैं।

बड़े निवेशकों की निकासी से मुश्किल बढ़ी 

विशेषज्ञों का कहना है कि ईटीएफ निकासी, बडे़ निवेशकों की शॉर्ट पोजीशनिंग और इसकी बिक्री में होने वाली मुश्किल ने सामान्य करेक्शन को गहरी मंदी में बदल दिया। पाई 42 के को-फाउंडर अविनाश शेखर ने कहा, 'अब सवाल यह है कि क्या यह क्रिप्टो विंटर की शुरुआत है या रिबाउंड के लिए रास्ता साफ कर रहा है। आने वाले सेशन तय करेंगे।'

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