Dollar Vs Rupee : डालर के मुकाबले भारतीय रुपये में भारी गिरावट, एक डालर की कीमत 90 के करीब पहुंची
अमरीकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया शुक्रवार व शनिवार को गिरावट का सिलसिला जारी रहा। जहां पर शुक्रवार को सबसे निचले स्तर 89.61 पर पहुंच गया, लेकिन शनिवार को भी रुपये में गिरावट का सिलसिला जारी रहा। जहां पर रुपये की कीमत 89.64 के करीब पहुंच गई। यह इस साल अब तक 4.6 प्रतिशत नीचे आ चुका है। कारोबार के दौरान रुपया 39.65 तक गिरा और अंत में 37 पैसे फिसलकर 89.55 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
इससे पहले सितंबर के अंत में इसका रिकॉर्ड स्तर 88.80 था। रुपया कमजोर होने के पीछे कई कारण हैं, जिनमें सबसे बड़ा है अमरीका द्वारा ईरान तेल व्यापार से जुड़े भारतीय संस्थानों पर लगाए गए प्रतिबंध और अमरीका-भारत व्यापार समझौते में लंबी देरी। वहीं वैश्विक बाजार में अमरीकी मुद्रा लगातार मजबूत हो रही है। डॉलर इंडेक्स फिर से 100 अंक के ऊपर पहुंच गया है। पिछले पांच कारोबारी सत्रों में इसमें 0.9 प्रतिशत की बढ़त हुई है।
फेडरल रिजर्व की नीति का असर
वेल्थ ग्लोबल रिसर्च के निदेशक अनुज गुप्ता के अनुसार, दिसंबर में अमरीकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद खत्म होने से डॉलर मजबूत हुआ है।
निवेशकों की निकासी से और दबाव
विदेशी निवेशकों ने अब तक भारतीय शेयर बाजारों से 16.5 अरब डॉलर निकाल लिए हैं। इससे रुपए पर दबाव और बढ़ गया है।
बाजार सूत्रों के अनुसार, जैसे ही रुपया 33.30 के पिछले रिकॉर्ड स्तर के नीचे गया, ट्रेडिंग वॉल्यूम अचानक कई गुना बढ़ गया।
क्यों गिर रहा रुपया?
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स के ट्रेजरी हेड अनिल कुमार भंसाली का कहना है कि रुपए की तेज गिरावट के पीछे ये प्रमुख कारण हैं
अमरीकी प्रतिबंधों के चलते वित्तीय लेनदेन प्रभावित। भारत-अमरीका व्यापार समझौते में देरी। बढ़ता व्यापार घाटा। निर्यात में गिरावट और बढ़ते आयात