{"vars":{"id": "114287:4923"}}

Teacher Loan : हरियाणा शिक्षा विभाग ने टीचर व कर्मचारियों के लोन देने के नियमों को बदला, अपनानी होगी यह प्रक्रिया 

हरियाणा शिक्षा विभाग ने टीचर के लोन की फाइल को अब जिला की बजाए मुख्यालय से लेनी होगी मंजूरी 

 

हरियाणा में शिक्षा विभाग ने टीचर व अन्य स्टाफ द्वारा लिए जाने वाले लोन के नियम में बड़ा बदलाव किया गया है। जहां पर टीचर व शिक्षा विभाग के अन्य कर्मचारियों की लोन लेने के लिए लगाई गई फाइल की मंजूरी की प्रक्रिया को लंबा कर दिया है। पहले विभागीय लोन लेने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी या आहरण एवं वितिरण अधिकारी यानी डीडीओ से मंजूरी लेनी पड़ती थी, लेकिन अब यह अधिकारी लोन की फाइल को अप्रूवल नहीं कर पाएंगे।

टीचर व दूसरे स्टाफ की मकान निर्माण, मरम्मत या प्लॉट खरीद के लिए लोन की फाइल की मंजूरी मुख्यालय से ही मिलेगी। ऐसे में पहले टीचर व कर्मचारी जिला मुख्यालय पर ही फाइल को मंजूर करवा लेते थे, लेकिन अब पंचकूला मुख्यालय से ही फाइल को मंजूरी मिलेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे में विभाग द्वारा मुख्यालय को फाइल मंजूरी का नियम भारी पड़ने वाला है, क्योंकि मुख्यालय से पूरे प्रदेश की फाइल जाएगी और वहां काम का लोड बढ़ जाएगा। जहां पर टीचर व दूसरे स्टाफ को लंबा इंतजार करना पड़ेगा। इसके अलावा वहां पर मनमानी भी बढ़ जाएगी।

अब बिना गारंटर के नहीं मिलेगा लोन

शिक्षा विभाग ने जहां पर लोन की फाइल की मंजूरी के नियमों को बदला है, वहीं लोन देने की शर्तों को भी कड़ा किया है। विभाग की तरफ से मकान निर्माण व मरम्मत के लिए लिए जाने वाले लोन की चेकलिस्ट जारी की गई है। अगर कोई टीचर मकान बनाने व मरम्मत करने के लिए लोन लेता है तो उसको दो सरकारी कर्मचारियों की गारंटर के तौर पर देना होगा। दोनों दिए जाने वाले गारंटर भी वहीं कर्मचारी होंगे, जिनका प्रोबेशन पीरियड पूरा हो चुका हो। इस नियम को पूरा करने के बाद ही मुख्यालय की तरफ से लोन की फाइल को मंजूर किया गया जाएगा। 

लोन लेने के लिए इन कागजातों को किया शामिल 

शिक्षा विभाग की तरफ से लोन से संबंधित पत्र जारी किया गया है। जहां पर लोन के नियम व कागजात की पूरी लिस्ट जारी की गई है। इसमें आवेदन पत्र, डीडीओ से प्रमाणित स्वीकृति, लंबित शिकायत या जांच न होने का प्रमाणपत्र, शपथ पत्र, पे-स्लिप, जीपीएफ/पीआरएएन नंबर, नक्शा और अनुमान विवरण, मोर्टगेज डीड, पहले लिए गए ऋण का ब्योरा, दो स्थायी कर्मचारियों से सत्यापित श्योरिटी बॉन्ड, गवाह कर्मचारियों के पहचान पत्र, विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी भी दस्तावेज में कमी पाई गई तो आवेदन स्वतः अमान्य माना जाएगा।

बेसिक वेतन का 34 गुना ही मिलेगा लोन

शिक्षा विभाग की तरफ से लोन की राशि पर भी लिमिट लगाई गई है। जहां पर कर्मचारी के वेतन के हिसाब से ही वेतन जारी किया जाएगा। अगर कोई शिक्षक व कर्मचारी मकान बनाना चाहता है तो  उसको बेसिक वेतन का 34 गुना या अधिकतम 25 लाख रुपये (जो भी कम हो) दिया जाएगा। इसी तरह अगर कोई मरम्मत का काम करता है तो उसको बेसिक वेतन का दस गुना या अधिकतम 2 लाख रुपये ही लोन दिया जाएगा। इसी तरह प्लाट खरीदने के लिए नियमों के अनुसार तय सीमा तक अग्रिम राशि।