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New Airport : हरियाणा में 20 एकड़ जमीन पर बना डोमेस्टिक एयरपोर्ट, सात शहरों के लिए शुरू होगी फ्लाइट  

डोमेस्टिक एयरपोर्ट के पास एयर फ्रेट स्टेशन (एएफएस) विकसित करने को मंजूरी दे दी है
 

केंद्र सरकार ने अंबाला छावनी के डोमेस्टिक एयरपोर्ट के पास एयर फ्रेट स्टेशन (एएफएस) विकसित करने को मंजूरी दे दी है। यह एक आफ एयरपोर्ट एयर कार्गो टर्मिनल होगा, जिसकी सुरक्षा एवं सीमा शुल्क स्वीकृत मिलने पर कारगो को किसी भी हवाई अड्डे से संचालित किया जा सकेगा। केंद्रीय नागर विमानन मंत्री राममोहन नायडू किंजरापु ने मंत्री अनिल विज को भेजे पत्र में एएफएस को विकसित करने की बात लिखी है।

सरकार इसे तैयार कर सकती है। छावनी में 20 एकड़ जमीन पर डोमेस्टिक एयरपोर्ट बनकर तैयार है। यहां से अयोध्या सहित सात शहरों के लिए जहाज उड़ाने की तैयारी है। प्रधानमंत्री इस डोमेस्टिक एयरपोर्ट का उद्घाटन कराने की संभावना है। एयरपोर्ट की सुरक्षा का जिम्मा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जिम्मे होता है, लेकिन अंबाला कैंट डोमेस्टिक एयरपोर्ट की सुरक्षा का जिम्मा हरियाणा आर्म्ड पुलिस (एचएपी) प्रथम बटालियन के पास रहेगा। पुलिस कर्मचारियों की कैप्सूल ट्रेनिंग हो चुकी है।

एयरपोर्ट की बड़ी विशेषता

इस एयरपोर्ट की विशेषता यह है कि जीरो विजिबिलिटी में भी जहाजों को उतारा जा सकता है। एयरपोर्ट इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आइएलएस) लैस हो चुका है, जिसके चलते यहां से जहाजों को टेकआफ और लैंडिंग करने में आसानी होगी। एयरपोर्ट पर आइएलएस जहाजों को हवाई पट्टी पर लैंड करने और टेकआफ में मदद करता है। इसमें ग्राउंड लेवल पर नेविगेशन सिस्टम होता है, जो लैंडिंग में दिशा बताता है।

इसमें लोकलाइजर, ग्लाइड पाथ, मार्कर व रनवे लाइटिंग सिस्टम होता है। खासकर धुंध भरे सीजन में यह सिस्टम काफी मददगार साबित होता है। इसे तीन कैटेगरी में बांटा गया है। यदि रनवे विजुअल रेंज (आरवीआर) यदि 550 मीटर है तो कैटेगरी वन के तहत सिस्टम लगाया जाता है। इसी तरह आरवीआर यदि 300 मीटर है, तो इसे कैटेगरी टू और यदि जीरो विजिबिलिटी हो तो इसे कैटेगरी श्री में रखा जाता है।

133 करोड़ में एयरपोर्ट के लिए ली थी जमीन

अबाला कैंट में डोमेस्टिक एयरपोर्ट बनाने के लिए सेना की जमीन ली गई थी। इसके तहत डिफेंस इस्टेट आफिस को 133 करोड़ रुपये हरियाणा सरकार ने ट्रांसफर किए थे। हवाई अड्डे के ढांचे के लिए 40 करोड़ रुपये दिए गए थे, जबकि इमारत लगभग 16 करोड़ की लागत से बनी है। हवाई अड्डे में लगेज स्कैनर मशीनें आ चुकी है, जिनको इंस्टाल किया जा रहा है।

इसी तरह एयरपोर्ट पर एक और मशीन आनी है, जिससे नशा अथवा विस्फोटक सामग्री ले जाने या लाने का प्रयास किया जाता है, तो वह भी इस मशीन की पकड़ में आ जाएगा। अंबाला के डोमेस्टिक एयरपोर्ट से सात रूटों पर उड़ानें शुरू होनी है। पहले चरण में जम्मू, श्रीनगर, लखनऊ सहित वाराणसी, जयपुर, अमृतसर और दिल्ली के लिए प्रस्ताव तैयार किया है।