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Toll Free : नेशनल हाईवे पर बने टोल प्लाजा को हरियाणा के किसानों ने करवाया फ्री, अनिश्चितकालीन धरना शुरू 

एनएच-7 पर गांव बनौदी के पास शुरू टोल प्लाजा का मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन (टिकैत ग्रुप) व ग्रामीणों ने विरोध किया। किसानों ने एक सप्ताह (23 सितंबर) तक आसपास के 8-10 गांवों को टोल फ्री करने की मांग की थी
 

नेशनल हाईवे के निर्माण पूरा होने से पहले टोल शुरू करने के विरोध में हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन ने नेशनल हाईवे 7 पर बने टोल को फ्री करवा दिया। जहां पर किसानों ने टोल को बंद करवाकर वहां पर धरना शुरू कर दिया। किसानों का कहना है कि आसपास के गांवों के लोगों से भी टोल लिया जा रहा है। ऐसे में आसपास के दस गांवों के टोल को फ्री किया जाए। 

एनएच-7 पर गांव बनौदी के पास शुरू टोल प्लाजा का मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन (टिकैत ग्रुप) व ग्रामीणों ने विरोध किया। किसानों ने एक सप्ताह (23 सितंबर) तक आसपास के 8-10 गांवों को टोल फ्री करने की मांग की थी। जो पूरी नहीं हुई है। इसी कारण मंगलवार सुबह 11 बजे किसान टोल प्लाजा पर पहुंचे। किसानों ने दोपहर 12 बजे टोल को फ्री कर दिया और वहीं टेंट लगाकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया।

ग्रामीणों ने बताया कि छोटे वाहनों का टोल 85 रुपए, हल्के कॉमर्शियल वाहन का 135 रुपए और बस-ट्रक का 285 रुपए वसूला जा रहा है। उनका कहना है कि हाईवे का कार्य अधूरा है, फिर भी टोल वसूली शुरू कर दी गई। ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि जब हाईवे अभी अधूरा है और अम्बाला की ओर जाकर खेलन गांव के पास रोड बंद हो जाता है, तो फिर टोल क्यों वसूला जा रहा है। उधर, एनएचएआई के तकनीकी प्रबंधक ऋषभ गोयल ने पिछली मीटिंग में दावा कर चुके हैं कि एनएच का काम पूरा हो चुका है तब ही टोल शुरू किया गया है।

12 किमी की बनाई है सड़क

बीकेयू के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि आजाद किसान और ग्रामीणों के बीच पहुंचे। उन्होंने कहा कि हाईवे का काम पूरा नहीं हुआ है, फिर भी टोल वसूली की जा रही है। एनएचएआई 33 किलोमीटर का टोल ले रही है जबकि सड़क मात्र 12 किलोमीटर पूरी हुई है। एनएचएआई 2008 के नियमों के अनुसार जब तक दोनों ओर से सड़क पूरी तरह तैयार न हो जाएं, तब तक टोल वसूलना गलत है।

लोकल कमेटी डीसी और एनएचएआई को इसका विज्ञापन देना चाहिए। मौके पर डीएसपी सूरज चावल भी किसानों के बीच बातचीत करने के लिए पहुंचे। मौके पर चमन, निर्मल, गुरचरण, रामकुमार, हरकेश, निर्मल सिंह, ऋषिपाल मौजूद थे।

7 गांव टोल फ्री कर चुके, और संभव नहीं

टोल ठेकेदार राजेश सिंह ने किसानों से कई घंटे बातचीत की, लेकिन समझौता नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि 10 गांव का टोल फ्री करना उनके अधिकार में नहीं है। कंपनी को प्रतिदिन 3 लाख रुपए देना पड़ता है जबकि टोल से मात्र 60-70 हजार रुपए की ही आमदनी होती है। पहले ही 7 गांव का टोल फ्री किया जा चुका है, और अधिक गांवों को फ्री करना संभव नहीं।