ग्रेजुएट रिक्शावाला बना सोशल मीडिया का स्टार, आईए जानें उनके संघर्षों की कहानी
graduate rickshaw puller: जिंदगी का सफर दुख-सुख की छांवों में गुजरता है, लेकिन हमें अपनी जिंदगी में हुनर की पहचान होती है तो, उस हुनर को मेहनत और लगन से पऱखने से जिंदगी हसीन बन जाती है। कुछ ऐसी ही कहानी है आज हम लेख के माध्यम से पेश करने जा रहे है। कहानी है पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में रहने वाले सुमित प्रजापति की, जिन्होंने अपने सफर की एक छोटी सी शुरुआत से वो मुकाम हासिल किया, जिसे शायद वह नौकरी पाने के बाद भी नहीं कर पाते।
संघर्षों की कहानी
ये एक ऐसी कहानी है, जिसमें सुमित ने हर कदम पर कठिनाईयों को अपने संघर्षों की नाव से पार किया, लेकिन कभी उन्हें भी हार नहीं मानी। इसलिए सोशल मिडिया की दुनिया में सुमित आज एक जाना-पहचाना नाम हैं। बता दें कि इंस्टाग्राम पर उनके लगभग 70 हजार फॉलोवर्स हैं। वहीं उनका अपना यूट्यूब चैनल भी है, जहां उनके 10 हजार से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं। ये आंकड़े भले ही आपको कम लग रहे हों, लेकिन इनके पीछे की कहानी बहुत लंबी और संघर्षों से भरी है।
एक गरीब परिवार से आने वाले सुमित ने बचपन से ही मेहनत की जिंदगी जी है। छोटे थे तो खेतों में मजदूरी की, कभी सब्जियां बेचीं और कभी साइकिल ठीक करने का काम किया। अंदर एक हसीन ख्वाबों का सपना था कि खाली नहीं बैठना है और अपनी पढ़ाई के लिए जितना हो सके, खुद कमाकर खुद का खर्ज निकालना है। सुमित के पिता ई-रिक्शा चलाते थे, इसलिए घर में आने वाली आमदनी भी काफी कम थी।
इतनी मेहनत लगन के संघर्षों से किसी तरह सुमित ने पढ़ाई में ग्रेजुएशन किया और आगे के करियर को लेकर कई कयास देखने लगे। पर, भाग्य में शायद कुछ और ही मंजूर था। इसी दौरान एक गैस लीक हादसे में सुमित के पिता बुरी तरह घायल हो गए। परिवार की आमदनी रुक गई और घर की जिम्मेदारियों का सारा बोझ सुमित के ऊपर आ गया। इस दौरान उन्होंने मजबूरन जगह-जगह नौकरी की खोज की, पर तनख्वाह इतनी नहीं थी कि वो हां कह पाएं और उन पैसों से उसका और उनके घर खर्ज निकाल सकें।
लोग कसते थे तंज
मजबूरन 22 साल के सुमित ने तय किया कि क्यों ना वही काम किया जाए, जो उनके पिता करते थे। सुमित ने चाबी उठाई और बैठ गए अपने पिता के ई-रिक्शा की ड्राइविंग सीट पर। सुबह निकलते और दिनभर सवारियों को उनके घर, दफ्तर या बाजार पहुंचाने के बाद शाम को अपने घर लौट आते। इस काम को देखते हुए लोगों ने उन्हें ग्रेजुएट रिक्शावाला कहकर तंज कसते हुए मजाक भी उड़ाया, मगर सुमित ने किसी की परवाह नहीं की।
सुमित भी एक ऐसे समाज से ही आते है, जहां अक्सर डिग्री के बाद नौकरी को ही सफलता का पैमाना मान लिया जाता है, पर सुमित ने एक अलग मार्ग चुना। यह कदम कई लोगों के लिए चौंकाने वाला हो सकता था, मगर सुमित ने इसे स्वाभिमान और ईमानदारी के साथ अपनाया। ग्रेजुएट होने के बावजूद, जब उन्हें अपनी पसंद की नौकरी नहीं मिली, तो उन्होंने हताश होने के बजाय अपने परिवार का गुजारा करने के लिए ई-रिक्शा चलाने का अहम फैसला लिया।
कैसे एक आइडिया से बदल गई सुमित की जिंदगी
सुमित एक दिन अपनी ऑटो में मायूस बैठे थे, जब उनके दिमाग में एक गजब आइडिया आया। उन्होंने सोचा कि क्यों ना दूसरों की तरह व्लॉगिंग शुरू की जाए। सुमित अब अपने ई-रिक्शा पर दिनभर सवारियों को बिठाते-उतारते वक्त वीडियो भी बनाने लगे। दिनभर के सफर का अनुभव उनके मोबाइल के कैमरे में कैद होने लगे। अपनी दिल की हर कहानी को उन्होंने रिकॉर्ड करके शेयर करना शुरू कर दिया और लोग उसके ब्लॉग पसंद करने लगे।
इस तरह देखते ही देखते, सुमित को पहचान मिलने लगी। जो अभी तक लोग उनका मजाक तंज कसते बनाते थे, अब वहीं लोग उसे सोशल मीडिया स्टार कहने लगे हैं। सोशल मीडिया पर सुमित के चाहने वालों का कारवा बढ़ रहा हैं। पाठकों को बता दें कि, सुमित ने हाल ही में एक्टिंग भी शुरूआत कर दी है, जिसके वीडियो उन्होंने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर शेयर किए हैं और लोग उसकी एक्टिंग को भी सराह रहे हैं।