Special Bus Service : नारनौल की अब हरिद्वार, मथुरा और आगरा से होगी सीधी कनेक्टिविटी, रोडवेज ने चलाई स्पेशल बस
नारनौल से खाटूधाम के लिए नई बस सेवा की शुरूआत
नारनौल जिला मुख्यालय स्थित रोडवेज डिपो के बेड़े में 25 नई बीएस-6 श्रेणी की बसों को शामिल किए जाने के बाद प्रबंधन की तरफ से अब नए रूटों पर बस सेवाओं में बढ़ोतरी की तैयारी शुरू कर दी है। इसी के साथ अब यूपी के धार्मिक स्थलों के लिए भी बस सेवाओं का संचालन प्रारंभ किया जाएगा जिसके लिए परमिट से संबंधित प्रक्रियाएं शुरू की जा चुकी हैं।
इसके अतिरिक्त राजस्थान के शहरों के लिए भी बसों की संख्या को बढ़ाया जाएगा। नारनौल से फिलहाल यूपी में स्थित किसी भी धार्मिक शहर के लिए सीधी रोडवेज बस के माध्यम से कनेक्टिविटी नहीं हुई है। जबकि रोडवेज प्रबंधन का यूपी के साथ अनुबंध भी लेकिन डिपो को परमिट नहीं मिला हुआ है ऐसे में अब बसों की संख्या काफी हद तक बेहतर होने के पश्चात यूपी के इन शहरों के लिए बस सेवाओं की शुरूआत किए जाने के लिए परमिट की डिमांड की गई है।
इसमें मुख्यतः हरिद्वार के साथ आगरा के लिए परमिट मांगा गया है के जिससे हरिद्वार की सीधी बस उपलब्ध होने के साथ आगरा लिए बस का संचालन होने पर मथुरा-वृंदावन की भी शहर की सीधे कनेक्टिविटी हो जाएगी। डिपो को हाल 25 नई बसें मिलने के बाद इन रूटों पर संचालन की संभावना है।
अब डिपो में 145 से 150 बसें ऑन रूट
नारनौल डिपो के पास नई बीएस-6 बसों के आने के बाद संख्या 164 हो गई है जिसमें लगभग 145 से 150 बसें ऑन रूट हो गई हैं। हालांकि इनके स्थान पर 20 बसें जो बीएस-4 श्रेणी की थी उनको गैर एनसीआर जिलों में भेज दिया गया है। ऐसे में अब डिपो के पास दिल्ली के साथ एनसीआर के शहरों में बसों का संचालन करने से संबंधित किसी भी प्रकार की कोई तकनीकी दिक्कत नहीं है।
इसके चलते रोडवेज प्रबंधन की तरफ से दिल्ली-चंडीगढ़ के साथ राजस्थान के शहरों के लिए बसों की संख्या बढ़ा दी है। इसके साथ ही प्रबंधन ने राजस्थान के खाटूधाम के लिए भी नई बस सेवा की शुरूआत कर दी है जो कि नारनौल से चलने के पश्चात वाया नांगल चौधरी होते हुए खादूधाम को पहुंचेगी।
हरिद्वार के लिए ट्रेन का सीमित विकल्प, मथुरा-वृंदावन के लिए भी सीधे नहीं है
जिला के लोगों की तरफ से लंबे समय से यूपी के धार्मिक स्थलों के लिए सीधी बस सेवाओं की मांग की जा रही है। वर्तमान में यात्रियों को रेवाड़ी अथवा दिल्ली के स्टेशनों के माध्यम से सफर करना पड़ता है, जिससे समय और खर्च दोनों बढ़ जाते हैं। वहीं रेवाड़ी से हरिद्वार के लिए भी केवल एक ही ट्रेन हैं जिसमें सीटें नहीं मिल पाती है।
मथुरा और वृंदावन के लिए भिवानी-मथुरा पैसेंजर है जो कि अलवर होकर जाती है और इसमें बहुत समय लगता है। इस मांग को देखते हुए रोडवेज प्रबंधन ने निर्णय लिया है कि नई बसों के बेड़े को सीधे यूपी रूटों पर प्राथमिकता दी जाएगी। इसमें सर्वाधिक मांग हरिद्वार के साथ मथुरा और वृंदावन के लिए है, जहां हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु यात्रा करते हैं।
परमिट के लिए की हुई है डिमांड : जीएम
रोडवेज जीएम देवदत्त ने बताया कि डिपो के पास अब बसों की संख्या पर्याप्त है। हमारा प्रयास पहले लोकल रूटों पर बेहतर सुविधा देने के साथ धार्मिक शहरों के लिए भी बस सुविधा उपलब्ध कराना है। लोकल रूटों पर हमने बसें उपलब्ध करा दी है और अब यूपी के शहरों के लिए परमिट की डिमांड की हुई है। परमिट मिलने के बाद बसों का संचालन किया जाएगा।