Ration Distribution : 70 फीसदी को ही मिला राशन, बुजुर्ग को 51 बार लगाना पड़ा अंगूठा
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के दौरा होने वाली पीओएस बॉयोमीट्रिक मशीन (बिक्री केंद्र) की धीमी रफ्तार परेशानी का सबब बन रही है। इससे डिपोधारकों से लेकर राशनकार्ड धारक तक परेशान है।
नवंबर माह खत्म होने में 5 दिन बचे हैं और 70 प्रतिशत राशनकार्ड धारकों को ही राशन का वितरण हो पाया है। डिपोधारकों का कहना है कि अगर यहीं स्थिति रही तो हजारों लोग राशन पाने से वंचित रह जाएंगे। डिपोधारकों को राशन वितरण को लेकर 2जी पीओएस मशीनें दे रखी हैं। 2जी नेटवर्क के चलते पुरानी मशीनों में न तो अंगूठा जल्दी से लग पा रहा है और न सर्वर से संपर्क हो पा रहा है।
इससे उपभोक्ता परेशान हैं। उन्हें राशन पाने के लिए परेशानी हो रही है। एक-एक घंटे में नंबर नहीं आ रहा है। पहले केवल एक बार अंगूठा लगाना पड़ता था। अब गेहूं, चीनी व तेल को लेकर अलग-अलग अंगूठा लगाना पड़ता है। ऐसे में समस्या ओर ज्यादा बढ़ गई है। एक बार अंगूठा लग जाता है तो दूसरी बार नहीं लग पाता है। कई बार तो लोगों को राशन पाने से वंचित तक रहना पड़ता है।
बुजुर्ग कार्ड धारकों को हो रही ज्यादा दिक्कत
पीओएस मशीन पर अंगूठा लगाकर राशन पाने के लिए खासकर बुजुर्गों को ज्यादा समस्या उठानी पड़ रही है। बार-बार अंगूठा लगाने पर भी निशान नहीं आ पा रहे हैं। कई बार नेटवर्क संबंधित समस्या आ जाती है। सनौली रोड निवासी बुजुर्ग सुरजीत कुमार ने बताया कि राशन पाने के लिए मशीन पर अंगूठा लगाना ही सबसे बड़ी समस्या बना हुआ है। पिछले महीने उसे राशन पाने के लिए 51 बार अंगूठा लगाना पड़ा था। इसी तरह सुदर्शना को भी नौ बार अंगूठा लगाना पड़ा।
केवल आश्वासन मिल रहा
डिपो एसोसिएशन के प्रधान मुकेश उर्फ कन्हैया व उप प्रधान सत्यवान फौजी ने बताया कि 5जी के दौर में 2जी मशीनों के कारण दिक्कत आ रही है। तीन बार अंगूठा लगवाने की प्रक्रिया में कई बार दो बार अंगूठा लगवा पाते हैं और राशनकार्ड धारक राशन पूरा ले जाता है। ऐसे में उनको राशन कम होने का घाटा भी उठाना पड़ रहा है। उनका कहना है कि वो लगातार स्थानीय व उच्चाधिकारियों से लेकर मंत्री तक से 5जी मशीनें दिलवाने की मांग कर चुके हैं, पर आश्वासन पर आश्वासन मिल रहा है।