paper leak case : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा आयोजित हिंदी नेट की परीक्षा का पेपर लीक करने के मामले में अदालत ने जीजा-साले को छह-छह साल की कैद व 18 हजार रुपये जुर्माना किया है। अदालत में चले अभियोग के अनुसार 26 दिसंबर 2021 को पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ लोग राज्य सरकार की भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक, लैब सेटिंग व दूसरे के स्थान पर परीक्षा दिलाने का कार्य करता है।
अब उन्होंने यूजीसी की परीक्षा को लीक करवाया गया और परीक्षा पास करवाने की एवज में परीक्षार्थियों से तीन-तीन लाख रुपये भी लिए गए। यूजीसी की परीक्षा के लिए गिरोह के सदस्य आनलाइन उपकरणों की माध्यम से परीक्षा के दौरान सहायता कर रहे हैं। पुलिस ने छापेमारी कर एक युवक को पकड़ लिया। युवक से पूछताछ के दौरान सामने आया कि साल्वर गिरोह में भिवानी में अकेडमी चलाने वाले गांव बामला निवासी पुनीत व महेंद्रगढ़ जिले के गांव पथरवा निवासी रिंकू शामिल हैं।
रिंकू के पास पेपर (paper leak case) आने के बाद पुनीत ने उसको साल्व किया और सुबह के सत्र के परीक्षार्थियों पेपर पढ़ा दिया था। इसके बाद सभी परीक्षार्थियों को उनके अलग-अलग सेंटरों पर भेज दिया। गिरोह के लोग सायंकालीन सत्र के पेपर के लिए भी 11 परीक्षार्थी तैयार किए हुए थे, लेकिन वह पेपर गिरोह के पास नहीं पहुंच पाया। पुलिस ने इस मामले में महेंद्रगढ़ जिले के गांव पथरवा निवासी रिंकू, उसके साले गांव बामला निवासी पुनीत, गांव खटकड़ निवासी एक युवक व गांव बहबलपुर निवासी विक्रम उर्फ विक्की, अमरजीत व गांव बोहतवाला निवासी अर्जुन, गांव धड़ौली निवासी दीपक को गिरफ्तार किया था।
तभी से मामला अदालत में विचाराधीन था। वीरवार को सब उपमंडल न्यायिक दंडाधिकारी नरवाना विशाल की अदालत ने रिंकू व उसके साले पुनीत को दोषी करार दिया। इसमें दोनों को धारा 120 में तीन-तीन साल की कैद व नौ-नौ हजार रुपये जुर्माना किया, जबकि धारा 120 में तीन-तीन साल व नौ-नौ हजार रुपये जुर्माना किया है। तीन साल की सजा पूरी होने के बाद दूसरी सजा शुरू होगी। जबकि दूसरे आरोपितों को सबूतों के अभाव में अदालत ने बरी कर दिया। paper leak case