हरियाणा में कांग्रेस धड़ों में बंटी
Haryana politics : केंद्र सरकार द्वारा पांच मांगें पूरी करने पर राजनीति छोडऩे के अरविंद केजरीवाल के बयान पर जींद में बोलते हुए भाजपा सांसद बृजेंद्र सिंह ने कहा कि अरविंद केजरीवाल अगर हरियाणा में सार्थक होते तो मैं कुछ उनकी बातों का जबाव देता। हरियाणा में उनके पास कुछ नहीं है। जैसी पार्टी उनकी थी, वो भी बिखर गई है सारी की सारी। बस बड़ी-बड़ी बातें करते है वो।
बृजेन्द्र सिंह उचाना में पुलिस थाना के सामने स्व. कुलदीप डूमरखा की धर्मपत्नी लक्ष्मी देवी के निधन पर शोक प्रकट करने पहुंचे थे। चंडीगढ़ मेयर चुनाव (Haryana politics) पर विपक्ष द्वारा भाजपा पर लगाए जा रहे आरोपों पर बोलते हुए सांसद बृजेंद्र सिंह ने कहा कि ये मामला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में जा चुका है।
कोर्ट की तरफ से तीन सप्ताह का समय दिया गया है जबाव दायर करने का। इंडिया गठबंधन को लेकर सांसद ने कहा कि इंडिया गठबंधन का मुकाबला आज भाजपा से न होकर आपस में खुद से होकर रह गया है। पंजाब में भी वो कांग्रेस के साथ भिड़े हुए है, दिल्ली में भी कांग्रेस के साथ भिड़े हुए, बंगाल में आपस में इस गठबंधन में शामिल पार्टियां भिड़ रही है।
इनकी समस्या भी ये है इसलिए इस गठबंधन में बिखराव शुरू हो चुका है। कांग्रेस की जनसंदेश यात्रा पर बोलते हुए सांसद ने कहा कि बेहतर होता कि ये सब एक पार्टी के रूप में लोगों के बीच जाते। अब तो संदेश इस यात्रा के माध्यम से ये जाने लगा रहा है कि एक धड़ा अलग है एक धड़ा अलग है एक धड़ा नाराज हुआ रेवाड़ी में बैठा है। इस तरह के हालात इनके नजर आ रहे है।
जेजेपी द्वारा गठबंधन मजबूत होने के दावे करने पर भाजपा सांसद ने कहा कि इस तरह की बातें आदमी जब करता है जब वो बिल्कुल सरेंडर कर दे। भाजपा के बड़े नेताओं, सीएम मनोहर लाल ने स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा प्रदेश में (Haryana politics) दस की दस सीट लड़ रही है। इतना होने के बाद भी वो गठबंधन में रहना चाहे तो उनकी मर्जी है। यदि आपको उस गठबंधन में कुछ नहीं मिल रहा आपको साथ वाली कुर्सी बैठने को मिल रही है तो उसमें आप खुश है तो उनको हमारी शुभकानाएं। विपक्ष द्वारा केंद्र सरकार पर ईडी का दुरूपयोग करने के आरोप पर सांसद बृजेंद्र सिंह ने कहा कि जिन पर अब तक ईडी की कार्यवाही हुई है उनको कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है।
ये अगर केस गलत होते तो किसी कोर्ट से कभी तो राहत मिलती। विपक्ष है प्रचार तो करेंगे क्योंकि उनके बड़े नेताओं के ऊपर तलवार लटकी है। ऐसे में उनको अपने अस्तित्व का भी खतरा है। चुनाव नजदीक है तो उनको लगता है कि शायद इस तरह से वो लोगों की सहानुभूति हासिल कर सकें।