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हरियाणा सरकार ने गरीब को सस्ते फ्लैट देने की योजना को लिया वापस

हरियाणा सरकार ने वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत गरीब लोगों को सस्ते रेट पर फ्लैट उपलब्ध करवाने का फैसला लिया था। आफार्डेबल हाउसिंग पार्टनरशिप स्कीम के तहत सरकार ने वर्ष 2017 में घर घर जाकर स्कीम के तहत सर्वे भी करवाया था।

 
हरियाणा सरकार ने वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत गरीब लोगों को सस्ते रेट पर फ्लैट उपलब्ध करवाने का फैसला लिया था
हरियाणा सरकार ने वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत गरीब लोगों को सस्ते रेट पर फ्लैट उपलब्ध करवाने का फैसला लिया था

हरियाणा में सस्ते फ्लैट लेने के इच्छुक लोगों का हरियाणा सरकार ने सपना तोड़ दिया हैं। हरियाणा सरकार ने सस्ते फ्लैट देने के लिए अफॉर्डेबल हाउसिंग पार्टनरशिप स्कीम को रद कर दिया हैं। सरकार के इस फैलसे से हरियाणा के 1 लाख 80 हजार 879 लोग प्रभावित होंगे हालांकि वर्ष 2017 में सरकार की तरफ से सस्ते फ्लैट देने के लिए सर्वे करवाया था और इसमें पात्र लोगों को फ्लैट देने की योजना बनाई थी।

सरकार ने पात्र लोगों का सर्वे करवाया लिया था, लेकिन इतने लोगों के लिए फ्लैट बनाने के लिए जगह की तलाश की तो योजना दम तोड़ गई।सरकार ने योजना को वापस लेते हुए तर्क दिया गया हैं कि हरियाणा में जमीन काफी महंगी हो गई हैं या अधिकांश शहरों में मल्टीस्टोरी भवन बनना संभव नहीं हैं।

इसलिए सरकार ने इस योजना को तुरंत प्रभाव से वापस ले लिया। इसके लिए सरकार की तरफ से प्रदेश के सभी अधिकारियों को पत्र भेज दिया हैं। सरकार के इस फैसले से  सस्ते फ्लै5 का इंतजार कर रहे एक लाख 80 हजार 879 लोग प्रभावित हुए हैं। 

सस्ते फ्लैट की थी यह योजना 

हरियाणा सरकार ने वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत गरीब लोगों को सस्ते रेट पर फ्लैट उपलब्ध करवाने का फैसला लिया था। आफार्डेबल हाउसिंग पार्टनरशिप  स्कीम के तहत सरकार ने वर्ष 2017 में घर घर जाकर स्कीम के तहत सर्वे भी करवाया था। इसमें 1 लाख 80 हजार 879 लोग इसके योग्य मिले।

योजना के तहत प्राइवेट  बिल्डर को इडब्ल्यूएस लोगों को सस्ते दरों पर फ्लैट देने की बदले में केंद्र सरकार की ओर से 1.5 लाख रुपये और हरियाणा सरकार की ओर से एक लाख रुपये देने की योजना थी। जहां पर आठ साल तक इस पर विचार चलता रहाए लेकिन अब फैसला लिया कि शहरों में जमीन महंगी हो गई हैं और सरकार की योजना के तहत सस्ते फ्लैट देना संभव नहीं हैं। इसके चलते सरकार ने इस फैसले को वापस ले लिया।