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Haryana Roadways : टिकटों में फर्जीवाड़ा कर रहे हरियाणा रोडवेज परिचालक, एक माह में 11 पकड़े, तीन की जाएगी नौकरी 

रेवाड़ी रोडवेज डिपो के अधीन चलने वाली बसों में टिकट बनवाने में फर्जीवाड़े का खेल चल रहा है। चंद रुपये की हेराफेरी में परिचालक अपनी नौकरी दांव पर लगाने से भी नहीं चूक रहे। बसों में भीड़ बढ़ने पर परिचालक यात्रियों से पैसे तो वसूल लेते हैं, लेकिन उनकी टिकट नहीं बनाते
 
Haryana Roadways  टिकटों में फर्जीवाड़ा कर रहे हरियाणा रोडवेज परिचालक, एक माह में 11 पकड़े, तीन की जाएगी नौकरी

हरियाणा रोडवेज की बसों में परिचालकों द्वारा यात्रियों से रुपये लेकर टिकट नहीं देने के मामले लगातार सामने आ रहे है। रोडवेज विभाग द्वारा ऐसे परिचालकों के खिलाफ सख्ती से निपटा जा रहा है और परिचालकों को नौकरी से हाथा धोना पड़ रहा है। ऐसा ही रेवाड़ी रोडवेज डिपो के अधीन चलने वाली बसों में टिकट बनवाने में फर्जीवाड़े का खेल चल रहा है।

चंद रुपये की हेराफेरी में परिचालक अपनी नौकरी दांव पर लगाने से भी नहीं चूक रहे। बसों में भीड़ बढ़ने पर परिचालक यात्रियों से पैसे तो वसूल लेते हैं, लेकिन उनकी टिकट नहीं बनाते। रोडवेज निरीक्षकों ने जब बस को रोक जांच की तो फर्जीवाड़े का पता चला। पिछले एक माह में इस तरह के 11 मामले पकड़े गए हैं।

इनमें तीन परिचालकों को निलंबित भी किया जा चुका है। साथ  ही चार को सजा के तौर पर दूर-दराज के जिलों में ट्रांसफर किया जा चुका है। टिकट फर्जीवाड़ा में पकड़े गए परिचालकों की हेराफेरी 100 रुपये से लेकर 2000 हजार रुपये तक की है। फर्जीवाड़े के सबसे ज्यादा मामले जयपुर रूट पर पकड़े गए हैं।

दूसरे डिपो की फ्लाइंग टीमों की जांच में पकड़े गए मामले

पिछले एक मामले में टिकट बनाने में फर्जीवाड़े के जितने भी मामले सामने आए वह हरियाणा रोडवेज के अन्य जिलों के रोडवेज डिपो की फ्लाइंग टीमों की तरफ से पकड़े गए हैं। सजा के तौर पर चार परिचालकों की ड्यूटी अन्य डिपो में लगाई गई हुई है, जिसमें तीन परिचालकों की फरीदाबाद व एक परिचालक को सिरसा डिपो में भेजा हुआ है।

इसके अलावा हाल ही में पकड़े गए तीन परिचालकों को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा 100 रुपये से कम गबन के भी दो-तीन मामले पकड़े गए हैं। ऐसे में स्थानीय डिपो की फ्लाइंग टीमों की तरफ से बसों में टिकट जांच के नाम पर की जा रही खानापूर्ति पर सवाल उठना लाजमी है।

100 रुपये अधिक के गबन मामले में होती है कार्रवाई

 निरीक्षकों की टीम द्वारा बसों में टिकट जांच के दौरान गबन का मामला मिलता है तो उसकी रिपोर्ट परिवहन मुख्यालय के साथ ही है। संबंधित डिपो में भेजी जाती है। अगर 100 रुपये से अधिक का गबन मिलता है तो उस स्थिति में परिचालक को निलंबित कर दिया जाता है। वहीं सजा के तौर पर उसे दूसरे डिपो में केस फाइल होने तक भेज दिया जाता है।

100 रुपये से कम के गबन मामले में परिचालक को चार्जशीट किया जाता है। रेवाड़ी डिपो की बसों में पकड़े गए ज्यादातर गबन के मामले दूसरे डिपो की फ्लाइंग टीमों की तरफ से पकड़े गए हैं। हालांकि एक-दो मामले स्थानीय टीम की तरफ से भी पकड़े गए हैं। इसके अलावा डिपो में निरीक्षकों की कमी भी बड़ी समस्या है। 

रेवाड़ी रोडवेज महाप्रबंधक निरंजन कुमार ने बताया कि टिकट गबन में जो परिचालक पकड़े गए थे, उनकी रिपोर्ट आते ही उन पर कार्रवाई कर दी गई है। हमारे पास डिपो में निरीक्षकों की कमी है, लेकिन इसके बावजूद हम बेहतर तरीके से टिकट जांच कराने का प्रयास कर रहे हैं।