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जींद में एनसीआर के बजट से सुधरेगी स्वास्थ्य सेवाएं, पांच ट्रामा सेंटर बनेंगे 

जींद जिले के जुलाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सफीदों नागरिक अस्पताल, अलेवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, उचाना नागरिक अस्पताल, नरवाना के नागरिक अस्पताल में लेवल तीन ट्रामा सेंटर खोले जाएंगे।
 
जींद जिले को नौ लाख 35 हजार रुपये जारी किए गए
जींद जिले को नौ लाख 35 हजार रुपये जारी किए गए

जींद जिले को एनसीआर में शामिल हुए लंबा समय हो गया हैं, लेकिन अभी तक एनसीआर के बजट का फायदा नहीं मिल रहा था। अब एनसीआर की तरफ से जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए बजट जारी किया हैं। एनसीआर के बजट से प्रदेश के 14 जिलों को शामिल किया गया हैं।

इसके लिए पहली किश्त के तौर पर 26 करोड़ 30 लाख 26 हजार रुपये जारी किए गए हैं। इसमें जींद जिले में भी पांच ट्रामा सेंटर बनाए जाएंगे। हालांकि यह ट्रामा सेंटर लेवल तीन के होंगे। जहां पर पहले से चल रही स्वास्थ्य विभाग की इमरजेंसी सेवाओं को बढ़ाया जाएगा।

जहां पर आधुनिक उपकरण खरीदे जाएंगे और सड़क हादसे में घायल होने के बाद अगर किसी मरीज को खून की जरूरत हैं तो वह भी उपलब्ध हो सकेगा। इस बजट से पांच जगह पर ब्लड स्टोरेज की व्यवस्था की जाएगी। 

इसी बजट से जींद जिले के जुलाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सफीदों नागरिक अस्पताल, अलेवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, उचाना नागरिक अस्पताल, नरवाना के नागरिक अस्पताल में लेवल तीन ट्रामा सेंटर खोले जाएंगे। ट्रामा सेंटर के लेवल तीन के अनुसार केवल इमरजेंसी में गंभीर मरीजों के इलाज में प्रयोग होने वाले उपकरणों को बढ़ाया जाएगा।

स्वास्थ्य विभाग के निदेशालय द्वारा उपकरण खरीदने के लिए जींद जिले को नौ लाख 35 हजार रुपये जारी किए गए हैं। इसलिए इन संस्थानों में पहले चल रही इमरजेंसी में उपकरणों की कमी से संबंधित रिपोर्ट मांगी हैं, ताकि वहां पर सामान खरीदकर उपलब्ध करवाया जा सके। उपकरण खरीद के बाद विभाग की तरफ से दूसरा बजट जारी किया जाएगा। अगर विभाग का प्लान यहां पर सफल हो जाता हैं तो सभी सुविधाओं से लैस ट्रामा सेंटर बनाने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।

जींद से 70 किलोमीटर तक कोई भी ट्रामा सेंटर नहीं

जींद जिले में लगभग सात नेशनल हाईवे बन चुके हैं। इसके अलावा स्टेट हाईवे की संख्या भी ज्यादा हैं। नेशनल हाईवे के निर्माण के साथ सड़क हादसों की संख्या बढ़ी हैं, लेकिन जींद के नागरिक अस्पताल से 70 किलोमीटर कोई भी ट्रामा सेंटर नहीं हैं, इसलिए सड़क हादसों व सिर में चोट लगे लोगों को नजदीक कोई इलाज नहीं होने के चलते पीजीआइ रोहतक ही रेफर करना पड़ता है। 

डिप्टी सिविल सर्जन डा. रमेश पांचाल ने बताया कि जींद में पांच जगह पर लेवल तीन ट्रामा सेंटर बनाने की मंजूरी दी गई है। यहां पर उपकरण खरीदने के लिए विभाग की तरफ से बजट जारी किया गया हैं। उपकरण के साथ यहां पर ब्लड स्टोरेज यूनिट भी स्थापित की जाएगी। इससे गंभीर मरीजों को तुरंत ही इलाज मिल पाएगा और लोगों की जान बच सकेगी।