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Rohtak News: रोहतक के हुंमायुपुर गांव में धूमधाम से मनाई गई संत रविदास जयंती, कार्यक्रम में सांसद दीपेन्द्र हुड्डा हुए शामिल

संत रविदास जी ने लोगों को कर्म की उपासना करना सिखाया। उन्होंने बताया कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता। ईमानदारी से अपना कर्म करना ही भगवान की सच्ची भक्ति है और भगवान के बनाए इंसान की बिना भेदभाव के सेवा करना ही सच्ची उपासना है। संत रविदास जी कर्म को प्रधान मानते थे। उन्होंने गहरे आध्यात्मिक विषयों को भी बड़ी सरल भाषा में समझाया और गीता की तरह कर्म पर जोर देते थे। 
 
ROHTAK NEWS
संत रविदास जी के प्रेरक विचार, उपदेश और शिक्षा हम सभी का मार्गदर्शन करते रहेंगे।

Rohtak News: हरियाणा प्रदेश के रोहतक जिले के गांव हुमायूंपुर में आज लोगों ने धूमधाम से संत रविदास जयंती मनाई। इस अवसर पर सांसद दीपेन्द्र हुड्डा भी आज गांव हुंमायुपुर में संत शिरोमणि गुरु रविदास जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने संत रविदास जी का स्मरण करते हुए उन्हें नमन किया और सभी को संत रविदास जयंती की बधाई दी। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि संत रविदास जी ने हमेशा एकता, शांति और भाईचारे का संदेश दिया। उनके प्रेरक विचार, उपदेश और शिक्षा हम सभी का मार्गदर्शन करते रहेंगे। संत रविदास जी द्वारा दी गई सीख समाज के लिए अनमोल धरोहर है।

संत रविदास जी ने लोगों को कर्म की उपासना करना सिखाया। उन्होंने बताया कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता। ईमानदारी से अपना कर्म करना ही भगवान की सच्ची भक्ति है और भगवान के बनाए इंसान की बिना भेदभाव के सेवा करना ही सच्ची उपासना है। संत रविदास जी कर्म को प्रधान मानते थे। उन्होंने गहरे आध्यात्मिक विषयों को भी बड़ी सरल भाषा में समझाया और गीता की तरह कर्म पर जोर देते थे। 

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने "जाति-जाति में जाति हैं, जो केतन के पातI रैदास मनुष ना जुड़ सके जब तक जाति न जात” का उल्लेख करते हुए कहा कि समानता के पक्षधर गुरु महाराज ने सिखाया कि मनुष्य-मनुष्य में भेद नहीं किया जा सकता। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि उन्होंने ऐसे समाज की कल्पना की, जहां किसी भी प्रकार का भेदभाव न हो। संत शिरोमणि रविदास जी सामाजिक सुधार और समरसता के लिए आजीवन प्रयत्नशील रहे।

उन्होंने कहा कि गुरु रविदास जी के विचारों पर ही आजादी की लड़ाई लड़ी गयी, जिसके बाद हमारे देश का संविधान बना। लेकिन, बीजेपी सरकार संत रविदास जी के विचारों और देश के संविधान के विपरीत काम कर रही है और संविधान को कुचलने के लिये तरह तरह के हथकंडे अपना रही है। देश के संविधान को बदलने की सोच वाले सत्ता में बैठे लोग संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर कर रहे हैं। सभी देशवासियों को एकजुट होकर देश के संविधान की रक्षा करनी होगी।