Kheti News : सर्दियों में पत्तागोभी की डिमांड तेजी से बढ़ जाती है। इसके पोषक तत्वों जैसे कि विटामिन A, C, कैल्शियम, पोटैशियम, और फास्फोरस के कारण यह न केवल स्वाद में बेहतरीन होती है, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद है। पत्तागोभी का इस्तेमाल सब्जी, सलाद और मोमोज जैसी लोकप्रिय डिशेज़ में किया जाता है, जिनकी मांग में इस मौसम में बढ़ोतरी होती है। यदि किसान पत्तागोभी की खेती करें, तो वे सिर्फ तीन महीने में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
पत्तागोभी की बेहतरीन किस्मे
पत्तागोभी की विभिन्न किस्में बाजार में उपलब्ध हैं, जिनमें से किसान अपनी पसंद और बाजार की मांग के आधार पर चुनाव कर सकते हैं। यहां कुछ प्रमुख किस्में दी जा रही है – सितंबर अर्ली, बजरंग, गोल्डन एकर, लेट लार्ज ड्रम हेड, कोपन हेगन, मिड सीजन मार्केट
पत्तागोभी की खेती के लिए जरूरी टिप्स
पत्तागोभी की खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है।
खेतों में जल निकासी की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि पानी का संचय न हो सके।
बुवाई से पहले खेत की मिट्टी का पीएच मान चेक करें। आदर्श रूप से, मिट्टी का पीएच 5.5 से 6.5 के बीच होना चाहिए।
खेतों में पाटा लगाकर जुताई करें ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए। जुताई के बाद जैविक खाद, जैसे गोबर खाद डालें, जिससे मिट्टी में पोषक तत्व मिल सकें।
रोपाई के बाद खेत में सिंचाई की आवश्यकता होती है। यदि सर्दियों में खेती कर रहे हैं, तो 10 से 15 दिन के अंतराल में सिंचाई करें। पत्तागोभी की फसल को अच्छे से विकसित करने के लिए नियमित सिंचाई जरूरी है।
तीन महीने बाद पत्तागोभी का उत्पादन तैयार हो जाएगा। इस दौरान फसल की गुणवत्ता और आकार के अनुसार इसे काटा जा सकता है।
तैयार फसल को मार्केट में भेजा जा सकता है, जहां इसे अच्छा मूल्य मिल सकता है।
पत्तागोभी की खेती से होने वाले फायदे