Kisaan aandolan : डब्ल्यूटीओ समझौते का क्यों विरोध कर रहे किसान, जाने
 Feb 27, 2024, 07:14 IST
                                                    
                                                
                                             
                                                
                                            
Kisaan aandolan : डब्ल्यूटीओ समझौते के विरोध में विरोध मे किसान खड़े हो गए हैं। किसानों का दावा है ये लागू हो गई तो किसानी हासिये पर आ जाएगी, पूरा मामला पूंजीपतियों के हाथ में होगा। कृषि क्षेत्र को डब्ल्यूटीओ समझौते से बाहर करने की मांग करते हुए किसानों ने पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर ट्रैक्टर रैलियां निकालीं (Kisaan aandolan) और पुतले फूंके। उत्तर प्रदेश में रैलियों के कारण कई स्थानों पर यातायात बाधित हुआ और किसानों ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के पुतले भी जलाए संयुक्त अरब अमीरात में डब्ल्यूटीए का 13वां मंत्रिस्तरीय सम्मेलन हो रहा है। साल 2020-21 के किसानों आंदोलन का नेतृत्व करने वाले कई कृषि संघों के समूह संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के आह्वान पर प्रदर्शनकारियों ने पंजाब और हरियाणा में (Kisaan aandolan)  कई स्थानों पर राजमार्गों के किनारे अपने ट्रैक्टर खड़े कर दिए   WTO का विरोध क्यों कर रहे हैं किसान? किसान नेताओं ने दावा किया कि डब्ल्यूटीओ का उद्देश्य कृषि सब्सिडी समाप्त करना है और अगर भारत ने इसका पालन किया, तो यह "आत्मघाती" होगा. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में, भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के आह्वान पर किसानों ने ट्रैक्टरों के साथ और डब्ल्यूटीओ के पुतले जलाकर विरोध प्रदर्शन किया, जिससे वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई। दोपहर में जाकर वाहनों की आवाजाही फिर शुरू हो सकी। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार किसानों (Kisaan aandolan) की वास्तविक मांगों को नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों के लिए केंद्र पर दबाव बनाने को लेकर पंजाब-हरियाणा सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले किसानों के खिलाफ "अत्याचार" की निंदा की।
                                            