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PhD Rules Changed : हरियाणा के विश्वविद्यालय ने पीएचडी में दाखिले के नियमों में किया बदलाव

विश्वविद्यालय में पीएचडीए में अब इंटरव्यू में 50 प्रतिशत अंकों की अनिवार्यता को हटा दिया है

 
PhD Rules Changed : हरियाणा के विश्वविद्यालय ने पीएचडी में दाखिले के नियमों में किया बदलाव

हिसार गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय में छात्रों की मांग पर पीएचडी की दाखिला प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है। गुजवि प्रशासन ने विश्वविद्यालय में अब इंटरव्यू में 50 प्रतिशत अंकों की अनिवार्यता को हटा दिया है। अब पीएचडी में दाखिले पूरी तरह से यूजीसी नियमों पर ही होंगे। इसके अलावा विश्वविद्यालय में होने वाली सभी तरह की भर्तियों में भी प्रदेश सरकार की बनाई गई आरक्षण नीति को पूरी तरह से लागू किया गया है।

यह दोनों बदलाव विश्वविद्यालय प्रशासन ने डीएससी छात्र संघ व अन्य छात्र संगठनों की मांग पर किए हैं। छात्रों ने इन मांगों को पूरा करवाने के लिए विश्वविद्यालय में धरना प्रदर्शन भी किया था। इससे रिजर्व कैटेगरी के विद्यार्थियों को भी पीएचडी करने का पूरा मौका मिल पाएगा। यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार ही पीएचडी में दाखिले दिए जाएंगे। विश्वविद्यालय की ओर से इस मामले को लेकर छात्रों की मांग पर तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी।

इस कमेटी की सिफारिश पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने इन दोनों मांगों को अनुवल दे दी है। इसे आगामी पीएचडी के प्रोस्पेक्टस में भी डलवा दिया है। छात्रों ने अपनी मांगे पूरी होने पर खुशी जताई। गुजवि प्रशासन ने छात्रों की मांग पर तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी। इस कमेटी में प्रोफेसर संजीव, प्रोफेसर संदीप राणा और प्रोफेसर संजीव कामरा को लिया गया था। साथ ही दो छात्रों को भी कमेटी में शामिल किया गया था।

कमेटी ने छात्रों से भी फीडबैक लेकर रिपोर्ट तैयार की। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में विश्वविद्यालय प्रशासन से पीएचडी इंटरव्यू में 50 प्रतिशत अंकों की अनिवार्यता हटाने की सिफारिश की। कमेटी ने अपनी सिफारिश में लिखा की यूजीसी की तरफ से ऐसे कोई निर्देश नहीं है कि पीएचडी इंटरव्यू में 50 प्रतिशत अंक आने पर ही दाखिले दिए जाएं। ऐसा करने पर कई बार डीएससी सहित अन्य रिजर्व कैटेगरी के उम्मीदवार होते हुए भी पीएचडी की सीटें रिक्त रह जाती है। ऐसे में विद्यार्थियों को दाखिले न मिलने पर उनका समय भी बर्बाद होता है।

कमेटियों ने सौंपी रिपोर्ट 

पीएचडी और भर्तियों में आरक्षण के लिए गठित की गई तीन सदस्य कमेटी ने अपनी रिपोर्ट विश्वविद्यालय प्रशासन को सौंप दी है। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में पीएचडी व भर्तियों में आरक्षण लागू करने सहित अन्य सिफारिशें की है। जिससे पीएचडी में डीएससी सहित अन्य आरक्षित वर्गों की सीटें भी रिक्त नहीं रहेंगी।

इससे करीब सभी वर्गो के विद्यार्थियों को पीएचडी करने का मौका मिल सकेगा और पीएचडी दाखिलों में पारदर्शिता भी आएगी। डीएससी छात्र संघ की ओर से करीब एक माह पहले विश्वविद्यालय में पीएचडी व भर्तियों में आरक्षण लागू करने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन किया गया था।

गुजवि के डीन आफ कालेजिज प्रो. संजीव ने कहा कि कमेटी की ओर से रिपोर्ट तैयार कर विश्वविद्यालय प्रशासन को सौंपी गई थी। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में इन दोनों नियमों को लागू करने की सिफारिश की थी। इसे विश्वविद्यालय प्रशासन ने अप्रूवल दे दी है। पीएचडी में 50 प्रतिशत अंकों की अनिवार्यता को हटाया गया है। यूजीसी के नियमों के अनुसार ही पीएचडी में दाखिले दिए जाएंगे। पीएचडी में होने वाले दाखिलों के लिए प्रोस्पेक्टस में इस नियम को जोड़ दिया गया है।

गुजवि सेंट्रल फोर काउंसलिंग एड वैलवीइंग डायरेक्टर प्रो. संदीप राणा ने बताया कि विश्वविद्यालय में सभी तरह की भर्तियों में आरक्षण नीति को लागू किया जाएगा। नियमित भर्तियों के साथ एचकेआरएनएल व अन्य योजनाओं की भर्तियों में भी इसे लागू किया गया है। वहीं पीएचडी में इंटरव्यू में 50 प्रतिशत अंक लेना अनिवार्य था। इसमें भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों को राहत दी है। इसमें यूजीसी के नियमानुसार ही दाखिले दिए जाएंगे।