Expressway: गंगा एक्सप्रेसवे यूपी की प्रमुख और महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है, जो न केवल मेरठ, प्रयागराज और आसपास के क्षेत्रों को जोड़ने का काम करेगा, बल्कि उत्तर प्रदेश के संपूर्ण परिवहन नेटवर्क में एक नई जान डालने का वादा भी करता है।
इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और 66% काम पूरा हो चुका है, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि परियोजना अपनी तय समयसीमा में पूरी होगी।
गंगा एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 594 किलोमीटर होगी, और इसकी गति सीमा 120 किमी प्रति घंटा तय की गई है। यह एक्सप्रेसवे मेरठ से शुरू होकर प्रयागराज तक जाएगा और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में एक महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी का स्रोत बनेगा।
इस एक्सप्रेसवे का निर्माण मेरठ और प्रयागराज के बीच यात्रा को दो घंटे और 30 मिनट तक सीमित कर देगा, जिससे समय की बचत होगी और यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी। एक्सप्रेसवे के बनने से दोनों शहरों के बीच व्यापारिक गतिविधियों में भी बढ़ोतरी होगी। इससे मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और आसपास के क्षेत्रों में विकास की नई संभावनाएं खुलेंगी।
इस परियोजना के निर्माण से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही, एक्सप्रेसवे के आसपास के क्षेत्रों में शहरीकरण और विकास के नए अवसर सामने आएंगे। गंगा एक्सप्रेसवे पर कुल 26 अंडरपास बनेंगे, और बसीरतगंज तथा नेवरना पर फ्लाईओवर का निर्माण भी जारी है। इससे यातायात की सुगमता में वृद्धि होगी और दुर्घटनाओं का जोखिम कम होगा।
गंगा एक्सप्रेसवे का कार्य 66 प्रतिशत पूरा हो चुका है, और 34 प्रतिशत का कार्य जल्द पूरा होने की उम्मीद है। यूपीडा द्वारा 9 दिसंबर को जारी की गई प्रोग्रेस रिपोर्ट के अनुसार, एक्सप्रेसवे की निर्माण प्रक्रिया में तेजी आई है। सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में यह महत्वाकांक्षी परियोजना नवंबर 2025 तक पूरी हो जाएगी।