Chief Minister Marriage Scheme : सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए लोग किसी भी हद तक फर्जीवाड़ा कर सकते हैं। जहां अपने रिश्ते नातों तक रिकॉर्ड में गलत दिखा देते हैं। ऐसा ही फर्जीवाड़ा उत्तर प्रदेश के बलिया में सामने आया है। जहाँ पर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना (Chief Minister Marriage Scheme ) में बड़े फर्जीवाड़े के खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया कि बहुत ही फर्जीवाड़ा किया गया हैं। इस फर्जीवाड़े में जिला समाज कल्याण अधिकारी की शिकायत पर एडीओ (समाज कल्याण) के खिलाफ केस दर्ज किया है। डीएम ने एडीओ सुनील कुमार यादव के निलंबन की भी सिफारिश कर दी है। प्रभारी जिला समाज कल्याण अधिकारी राजीव कुमार यादव को हटा दिया गया।
जांच में सामने आया कि अभी तक 568 में से 25 लाभार्थियों का सत्यापन किया। इसमें से 8 फर्जी मिले हैं। ज्यादातर दुल्हनों की पहले ही शादी हो चुकी है। इन आठ महिला लाभार्थियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया। यह शादी समारोह 25 जनवरी को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया। इसमें 568 जोड़ों का विवाह कराने का दावा किया गया।
भाई-बहन, ससुर-बहू भी बन गए लाभार्थी
सामूहिक विवाह (Chief Minister Marriage Scheme ) में खेल के सत्यापन में कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। मंगलवार को जांच के लिए पहुंची टीम ने असली व नकली लाभार्थियों की सूची तैयार कर देर शाम अधिकारियों को सौंप दी। इस आधार पर अब कई अधिकारियों-कर्मचारियों व लाभार्थियों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है। इस पूरे प्रकरण में जिला समाज कल्याण विभाग व ब्लॉकों के अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध मिली है।
सूत्रों की मानें तो भरखरा ग्राम सभा के ही जयनगर पुरवा में कई ऐसे लोग हैं जिनके नाम सूची में नहीं हैं लेकिन 25 जनवरी को सामूहिक विवाह में बांटे गये उपहार लिए। ग्रामीणों के अनुसार विवाह (Chief Minister Marriage Scheme ) में भाई-बहन, बहू-ससुर भी लालच में वर-वधू बनकर शामिल हुए थे। इसके अलावा ऐसे भी मामला आया जहां बहन व भाई को पति पत्नी दिखा दिया और योजना के उपहार ले लिए। अधिकारियों-कर्मचारियों का कहना है कि सत्ताधारी दल से जुड़े नेताओं के समर्थकों ने भी अपनी ओर से कई लोगों का नाम सूची में शामिल कराया था।
किसी की तीन साल पहले शादी, किसी की तय ही नहीं
फर्जीवाड़ा की जांच में कई हैरान करने वाले मामले सामने आये हैं। दोबारा सत्यापान में कुछ लाभार्थियों की शादी दो से तीन साल पहले ही हो चुकी है, जबकि कुछ की अभी तय भी नहीं है। मंगलवार को ऐसी ही आठ लाभार्थियों के खिलाफ मनियर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।