FNG Expressway: दिल्ली और NCR क्षेत्र में यातायात की समस्याओं को सुलझाने और सड़क कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद एक्सप्रेसवे (FNG) का निर्माण बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। यह एक्सप्रेसवे दिल्ली से सटे फरीदाबाद, नोएडा और गाजियाबाद के बीच बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जिससे क्षेत्र के विकास में पंख लगेंगे। हालांकि, इस एक्सप्रेसवे के निर्माण को लेकर पिछले कुछ वर्षों में कई प्रयास किए गए, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। अब हरियाणा सरकार ने फिर से इस प्रोजेक्ट को गति देने के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) को जिम्मा सौंपा गया है।
FNG एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए हरियाणा सरकार के प्रयास
अब तक, यूपी सरकार की पहलें ही FNG एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए चर्चित रही हैं, लेकिन अब हरियाणा सरकार ने खुद यह पहल की है। मंगलवार को हुई बैठक में नोएडा और हरियाणा सरकार के लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकारियों ने मिलकर FNG एक्सप्रेसवे के निर्माण को NHAI को सौंपने के संकेत दिए हैं। इस बैठक में यमुना नदी पर बनने वाले पुल और सड़क निर्माण के अलाइनमेंट को लेकर भी चर्चा की गई।
Yमुना नदी पर पुल का निर्माण
इस एक्सप्रेसवे के लिए यमुना नदी पर एक महत्वपूर्ण पुल का निर्माण किया जाएगा। यह पुल फरीदाबाद के लालपुर गांव के पास से जुड़ेगा और इसका निर्माण कार्य 250 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से होगा। इसके खर्चे को नोएडा और हरियाणा सरकार आधे-आधे हिस्से में वहन करेंगी। इस पुल और एक्सप्रेसवे के निर्माण से दिल्ली-NCR की सड़क कनेक्टिविटी में सुधार होगा।
FNG एक्सप्रेसवे में भूमि अधिग्रहण की चुनौती
फरीदाबाद में FNG एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण करना एक बड़ी चुनौती होगी। नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत, जमीन की कीमतें बढ़ गई हैं, जिससे सरकार पर वित्तीय दबाव बढ़ सकता है। साथ ही, इस प्रक्रिया में किसानों से जमीन की अधिग्रहण की समस्या भी आ सकती है। लेकिन इन मुश्किलों के बावजूद, हरियाणा सरकार इस परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है।
NHAI का योगदान और पहले के प्रयास
नौएडा प्राधिकरण ने पिछले कुछ वर्षों में कई प्रयास किए थे ताकि FNG एक्सप्रेसवे की जिम्मेदारी NHAI को दी जाए, लेकिन यूपी सरकार ने इससे मना कर दिया था। पूर्व में, जब NHAI की टीम ने इस परियोजना का दौरा किया, तो ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे का अधिकांश हिस्सा पहले ही तैयार हो चुका था, जिससे FNG एक्सप्रेसवे की उपयोगिता पर सवाल उठाए गए थे। हालांकि, अब यह एक्सप्रेसवे नोएडा क्षेत्र में काफी हद तक तैयार हो चुका है और इसे और आगे बढ़ाने की जरूरत है।