Haryana weather update : हरियाणा में मौसम बदल गया है। पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव से ज्यादातर क्षेत्रों में बादलवाई और कुछ स्थानों पर छिटपुट बूंदाबांदी शुरू हो गई है, जिससे दिन के तापमान में हल्की कमी रहने की संभावना है। पानीपत में रातभर रुक-रुककर बूंदाबांदी हुई। इससे रात का न्यूनतम तापमान भी गिरने के आसार हैं। मौसम में हुए इस बदलाव से लोगों को एक बार फिर ठंड का अहसास होने लगा है।
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि राज्य में मौसम 29 मार्च तक परिवर्तनशील रहने के आसार हैं। इस बदलाव से दिन और रात के तापमान में परिवर्तन देखने को मिलेगा। बारिश के साथ हवाओं की स्पीड 30 से 40 किलोमीटर तक रहने के आसार हैं।
हरियाणा के अलावा पंजाब के लिए भी मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले 3 दिनों तक सूबे के अधिकांश जिलों में बादल छाए रहेंगे, साथ ही 30 से 40 किलोमीटर की स्पीड से हवाएं भी चलेंगी। चंडीगढ़ में भी मौसम को लेकर विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। हालांकि, पंचकूला, मोहाली और चंडीगढ़ में बादल छाए रहने के साथ ही तेज हवाएं चल रही हैं।
इन जिलों में बन रहे बारिश के आसार
पश्चिमी विक्षोभ के एक्टिव होने से खराब हो रहे मौसम को देखते हुए हरियाणा के 4 जिले पंचकूला, अंबाला, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर में बारिश के आसार बने हुए हैंं। अन्य जिलों में बादल छाए रहने और हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना जताई गई है। हालांकि, रात और दिन के तापमान में अभी भी काफी अंतर बना हुआ है।
दिन का अधिकतम तापमान जहां 36 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है, यह सामान्य से 3.4 डिग्री ज्यादा है। वहीं, रात का न्यूनतम तापमान 13.6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है, यह सामान्य से 0.1 डिग्री कम है।
29 मार्च के बाद होगा गर्मी का अहसास
हरियाणा में मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि 29 मार्च के बाद दिन के तापमान में बढ़ोतरी होगी। इसकी वजह यह है कि दिन में तेज धूप और हवा नहीं चलने के कारण पारे में एक-दो डिग्री की बढ़ोतरी देखी जा सकती है। वहीं, रात के न्यूनतम तापमान में कोई खास असर देखने को नहीं मिलेगा। हाल ही में हरियाणा के राजस्थान और पंजाब के बॉर्डर से लगते जिलों में मौसम में बदलाव देखा गया था।
यहां बादल छाने के साथ तेज हवाएं चली थीं। इससे कुछ जिलों में दिन का अधिकतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। मौसम के बदलाव के साथ ही किसानों की चिंता बढ़ने लगती है। खेतों में सरसों की कटी हुई फसल पड़ी है, यदि बारिश होती है तो फसल को काफी नुकसान पहुंच सकता है।