Haryana toll plaza news ; टोल प्लाजा वालों ने ज्यादा काट लिया था टोल, उपभोक्ता फोरम ने लगाया 10 हजार रुपए जुर्माना
Mar 31, 2024, 08:26 IST

Haryana toll plaza news : टोल प्रबंधन द्वारा अधिक टोल टैक्स लेने के मामले की सुनवाई करते हुए जिला उपभोक्ता फोरम रेवाड़ी ने टोल प्लाजा प्रबंधन को आदेश दिए हैं कि उपभोक्ता से ली गई अधिक टोल राशि जहां वापिस की जाए, वहीं उपभोक्ता को 10 हजार रुपए का हर्जाना व केस खर्चा भी देने के आदेश दिए हैं। अधिवक्ता कैलाश चंद से प्राप्त जानकारी के अनुसार उपभोक्ता रामकिशन सैनी अपनी निजी गाड़ी से परिवार सहित 13 सितम्बर 2022 को रेवाड़ी से नारनौल गया था। जब उनकी गाड़ी काठुवास टोल प्लाजा पर पहुची तो उनकी गाड़ी के फास्ट टैग से नियमानुसार 65 रुपए का भुगतान ऑटोमैटिक कट गया, जिसके उपरांत वह उसी दिन सायं 8 : 17 बजे वापिस आ गए। नारनौल से रेवाड़ी आ रहे थे ओर दोबारा से काठुवास टोल प्लाजा को पार करने लगे तो नियमानुसार उसी दिन (24 घण्टे में वापिस) आने पर नियमानुसार फास्ट टैग से 35 रुपये ऑटोमैटिक कटने थे, क्योकि 24 घण्टे में वापिसी करने पर नियमानुसार आधे पैसे लेने का प्रावधान है, परन्तु काठुवास टोल टेक्स प्लाजा ने 35 रूपये के बजाय 65 रुपये काट लिया, जिसका उपभोक्ता ने विरोध भी किया, लेकिन टोल प्लाजा कर्मचारियो ने उनकी शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया। अधिवक्ता का कहना है कि उपभोक्ता ने इस बारे में एक कानूनी नोटिस भी टोल प्लाजा प्रबंधन को भिजवाया था और नोटिस प्राप्त होने के तुरंत बाद टोल टैक्स प्लाजा ने 35 रुपए राशि शिकायतकर्ता के खाते में जमा कर दी थी, लेकिन तब तक शिकायतकर्ता उपभोक्ता फोरम में अपनी शिकायत डाल चुका था और उसका यह मकसद भी था कि यह टोल टैक्स वाले आमजन को परेशान करना बंद करे और उन्हें नसीहत भी मिलनी चाहिए। इस मामले की पैरवी उपभोक्ता फोरम में कैलाश चंद और सीमा सैनी ने की और टोल प्लाजा से संबंधित केंद्र सरकार के नियम उपभोक्ता फोरम के समक्ष रखे। फोरम ने टोल प्लाजा प्रबंधन को भी फोरम में तलब किया। दोनों पक्षों ने अपनी अपनी दलीलें फोरम के समक्ष रखी। उपभोक्ता फोरम ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आदेश दिए कि टोल प्लाजा प्रबंधन उपभोक्ता को 10 हजार रुपए का भुगतान बतौर हर्जाने के रुप में उपभोक्ता को करे। आदेश में लिखा जब से वाद दायर किया उस समय से आदेश होने तक का समय 9 प्रतिशत ब्याज दर से उपभोक्ता को एक माह के भीतर भुगतान करे। यदि भुगतान में देरी होती है तो टोल प्लाजा प्रबंधन को 12 प्रतिशत ब्याज दर से भुगतान करना पड़ेगा। अधिवक्ता का कहना है कि टोल प्लाजा प्रबंधन की इस प्रकार की शिकायतें आती रही हैं। शायद अब टोल प्रबंधन इस आदेश से कोई सीख ले सकेगा