New Elevated Corridor : हरियाणा से दिल्ली तक बनेगा नया एलीवेटेड कॉरिडोर, दिल्ली से रोहतक का सफर रह जाएगा आधा घंटे का

दिल्ली-रोहिणी वालों के लिए अब रोहतक की दूरी दो घंटे से घटकर आधे घंटे की होगी। 20 किलोमीटर लंबे एलीवेटेड कॉरिडोर निर्माण के प्लान में बहादुरगढ़ इस योजना में भी मुख्य फोकस में ही रहेगा। उत्तराखंड, रोहतक, जींद और पंजाब की तरफ से से दिल्ली आने-जाने वाले वाहनों लोगों को अब 8-10 किमी लंबा चक्कर लगाकर दिल्ली आने की जरूरत नहीं होगी।
दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को दिल्ली में डायरेक्ट एंट्री के लिए एनएचएआई दिल्ली-कटरा वेस्टर्न पेरिफेरल्स इंटरचेंज से यूईआर-2 तक करीब 20 किमी लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर निर्माण का प्लान बनाया गया है। कॉरिडोर का डीपीआर तैयार करने के लिए एनएचएआई एक प्राइवेट एजेंसी को नियुक्त करने की तैयारी कर रही है। प्रोजेक्ट की लागत करीब चार हजार करोड़ रुपए होगी। यह कॉरिडोर बहादुरगढ़ के निलोठी गांव के निकट दिल्ली-कटरा वेस्टर्न पेरिफेरल्स इंटरचेंज से शुरू होना है व जो और दूसरी तरफ कंज्ञावला-यूईआर-2 के जंक्शन से जुड़ जाएगा।
दोनों मामले में बहादुरगढ़ को बाइपास नहीं किया जा सकेगा
इन दोनों विकल्पों के अलावा दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे (एनएच-344 एम) से दिल्ली में एंट्री का कोई दूसरा विकल्प ही नहीं है। खासकर नोएडा, गाजियाबाद, और पूर्वी दिल्ली के दूसरे इलाकों में जाने वाले वाहन चालकों की सहूलियत के लिए बहादुरगढ़ के जसौर खेड़ी से अगले गांव निलोठी के पास दिल्ली-कटरा वेस्टर्न पेरिफेरल्स इंटरचेंज से रोहिणी सेक्टर-38 के बीच 20 किमी लंबा एलीवेटेड कॉरिडोर बनाने का प्लान इसके लिए डीपीआर तैयार करने के लिए एक प्राइवेट एजेंसी को नियुक्त करने की तैयारी की जा रही है।
इस बार भी बहादुरगढ़ मुख्य फोकस इस योजना की प्लानिंग में दो रैपिड मेट्रो की तरह से दो विकल्प सामने आए है जिसमें दोनों में बहादुरगढ़ फोकस में रहेगा। जो लोग दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे के रास्ते दिल्ली आना चाहते हैं। उनके लिए वर्तमान में दो विकल्प हैं। एक तो वह दिल्ली-कटरा वेस्टर्न पेरिफेरल इंटरचेंज से सात किमी दूर केएमपी टोल तक आएं और यहां से रोहतक बहादुरगढ़ रोड से दिल्ली में एंट्री करें। दूसरा दिल्ली-कटरा वेस्टर्न पेरिफेरल्स इंटरचेंज से करीब नौ किमी आगे आकर बंदा सिंह बहादुर मार्ग से दिल्ली में एंट्री कर जाए।
दिल्ली-रोहिणी के हेलीपोर्ट को भी जोड़ेगा
इस बीच एलीवेटेड कॉरिडोर लडरावन गांव के खेतों से होते हुए पंजाब खोर और जोटी गांव के बीच से कंझावला और कराला होते हुए निकलेगा। अधिकारियों का कहना है कि इसमें कुछ जगह अंडरपास भी बनाए जाएंगे। कॉरिडोर को कंझावला, नरेला और मदनपुर डबास रोड से इस तरह से कनेक्ट किया जाएगा कि वाहन चालक कब बहादुरगढ़ से दिल्ली में प्रवेश कर जाएगे उन्हें एहसास भी नहीं होगा।
इसके साथ कंझावला-मदनपुर डबास रोड टी-जंक्शन और कंझावला नरेला रोड जंक्शन पर लूप बनाने की योजना पर भी काम चल रहा है। दो साल पहले बहादुरगढ़ भास्कर ने नरेला के सांसद हंसराज हंस के द्वारा इस योजना को लेकर खुलासा किया था कि बहादुरगढ़ के अंदर से एक नया रास्ता निकलेगा जो दिल्ली दिल्ली के रोहिणी इलाके में भारत के पहला हेलीपोर्ट को भी जोड़ेगा।
जिससे हाइवे पर किसी भी संकट के समय लोगो को रोहिणी हेलीपोर्ट का सहारा मिल सके। दिल्ली में 1980-90 के दशक में इस जो खास हेलीकॉप्टर सेवा के लिए था। हेलीकॉप्टर के लिए हेलीपैड वीआईपी, अधिकारी, व्यापारी और जरूरत को ध्यान में रखते हुए रोहिणी हेलीपोर्ट बनाया गया था। रोहिणी में बना भारत का पहला ऐसा हेलीपोर्ट, आपातकालीन सेवाओं में सहारा बनेगा।